केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा ( Renewable Energy ) क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज करते हुए दिसंबर 2023 और दिसंबर 2024 के बीच की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को उल्लेख किया है। यह वृद्धि ‘पंचामृत’ लक्ष्यों के अंतर्गत अपने स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने की भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता और इसके व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
दिसंबर 2024 तक, भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता 209.44 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो दिसंबर 2023 में 180.80 गीगावाट की तुलना में 15.84 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2024 के दौरान जोड़ी गई कुल क्षमता 28.64 गीगावाट थी, जो वर्ष 2023 में जोड़े गए 13.05 गीगावाट की तुलना में 119.46 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि को दर्शाती है।
वर्ष 2024 में, सौर ऊर्जा 24.54 गीगावाट की वृद्धि के साथ इस वृद्धि का नेतृत्व करेगी, जो इसकी संचयी स्थापित क्षमता में वर्ष 2023 में 73.32 गीगावाट से वर्ष 2024 में 97.86 गीगावाट तक 33.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। पवन ऊर्जा ने भी इस विस्तार में योगदान दिया है। वर्ष 2024 में अतिरिक्त 3.42 गीगावाट स्थापित होने से कुल पवन क्षमता बढ़कर 48.16 गीगावाट हो गई, जो 2023 से 7.64 प्रतिशत की वृद्धि है।
बायोएनर्जी ने भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। इसकी स्थापित क्षमता दिसंबर 2023 में 10.84 गीगावाट से बढ़कर दिसंबर 2024 में 11.35 गीगावाट हो गई है, जो 4.70 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। छोटी पनबिजली परियोजनाओं में वृद्धिशील वृद्धि देखी गई, जिसमें स्थापित क्षमता वर्ष 2023 में 4.99 गीगावाट से बढ़कर वर्ष 2024 में 5.10 गीगावाट हो गई, यह 2.20 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण पहल की है, यह ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करते हुए अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।