भारत सरकार ने कोयला खनन के 11वें दौर में दो खदानों के लिए समझौतों पर किए हस्ताक्षर

अप्रैल 2025 में, भारत सरकार के कोयला मंत्रालय (MoC) ने वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के 11वें दौर के तहत दो कोयला खदानों—मारवाटोला-II और नामचिक पश्चिम के सफल बोलीदाताओं के साथ कोयला खदान विकास और उत्पादन समझौते (CMDPA) पर हस्ताक्षर किए।

यह कदम भारत के ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने और कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मध्य प्रदेश (MP) स्थित मारवाटोला-II खदान को रायपुर (छत्तीसगढ़) स्थित सिंघल बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है, जबकि अरुणाचल प्रदेश (AR) स्थित नामचिक पश्चिम खदान को रायपुर स्थित PRA नूरवी कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।

इन दो कोयला खदानों में से एक का पूरी तरह से अन्वेषण किया जा चुका है, जबकि दूसरी का आंशिक रूप से अन्वेषण किया गया है। यह समझौता न केवल कोयला उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करेगा, जिससे देश की आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी। ### भारत सरकार ने कोयला खनन के 11वें दौर में दो खदानों के लिए समझौतों पर किए हस्ताक्षर

अप्रैल 2025 में, भारत सरकार के कोयला मंत्रालय (MoC) ने वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के 11वें दौर के तहत दो कोयला खदानों—मारवाटोला-II और नामचिक पश्चिम के सफल बोलीदाताओं के साथ कोयला खदान विकास और उत्पादन समझौते (CMDPA) पर हस्ताक्षर किए।

  • उद्देश्य: यह कदम भारत के ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने और कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • खदानों का विवरण:

    • मारवाटोला-II: मध्य प्रदेश (MP) स्थित, जिसे रायपुर (छत्तीसगढ़) स्थित सिंघल बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है।
    • नामचिक पश्चिम: अरुणाचल प्रदेश (AR) स्थित, जिसे रायपुर स्थित PRA नूरवी कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।
  • अन्वेषण स्थिति: इन दो कोयला खदानों में से एक का पूरी तरह से अन्वेषण किया जा चुका है, जबकि दूसरी का आंशिक रूप से अन्वेषण किया गया है।

यह समझौता न केवल कोयला उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करेगा, जिससे देश की आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी।

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