भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग: एक वैश्विक दृष्टिकोण

भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग दुनिया में मात्रा के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा और मूल्य के मामले में 11वां सबसे बड़ा उद्योग है। यह उद्योग न केवल भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रमुख तथ्य और आंकड़े:

  1. जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता:

    • भारत वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जो वैश्विक आपूर्ति का 20% हिस्सा प्रदान करता है।
  2. कम लागत वाली वैक्सीन:

    • भारत दुनिया में कम लागत वाली वैक्सीन के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, जो वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में योगदान देता है।
  3. चिकित्सा उपकरण बाजार:

    • जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद, भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरण बाजार है।
    • भारत दुनिया के शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक है।
  4. वित्तीय वर्ष 2023-24 का कारोबार:

    • फार्मास्यूटिकल्स का कुल वार्षिक कारोबार 4,17,345 करोड़ रुपये था, जिसमें से 2,19,439 करोड़ रुपये निर्यात से प्राप्त हुए।
  5. FDI नीति 2020:

    • मेडिटेक गतिविधियों में स्वचालित मार्ग के तहत 100% तक विदेशी निवेश की अनुमति है।
    • फार्मास्यूटिकल्स में, स्वचालित मार्ग के तहत ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में 100% तक एफडीआई और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं में 74% तक एफडीआई की अनुमति है।

महत्व:

  • आर्थिक विकास: भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग न केवल रोजगार सृजन में मदद करता है, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देता है।
  • वैश्विक स्वास्थ्य: यह उद्योग वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से विकासशील देशों में।

निष्कर्ष:

भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग की वृद्धि और विकास न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह उद्योग न केवल दवाओं और वैक्सीन के उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने में भी सफल रहा है, जो इसके भविष्य के विकास के लिए सकारात्मक संकेत है।

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