डेनमार्क में दुनिया का पहला ई-मेथनॉल (e-Methanol) प्लांट शुरू किया

e-Methanol

मई 2025 में, दक्षिणी डेनमार्क के कासो (Kassø) नामक स्थान पर दुनिया का पहला व्यावसायिक पैमाने का ई-मेथनॉल (e-Methanol) प्लांट शुरू किया गया है। यह प्लांट जलवायु परिवर्तन से लड़ने और समुद्री परिवहन (shipping) को हरित (green) बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी पहल माना जा रहा है।

इस परियोजना को डेनमार्क की “European Energy A/S और जापान की “Mitsui & Co., Ltd.” ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इस प्लांट की कुल लागत लगभग 150 मिलियन यूरो (लगभग 167 मिलियन अमेरिकी डॉलर) है।

ई-मेथनॉल  (e-Methanol) क्या है?

ई-मेथनॉल (e-Methanol) एक प्रकार का हरित ईंधन है जिसे ग्रीन हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) से बनाया जाता है। यह पारंपरिक जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) का पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है।
यह समुद्री जहाजों के लिए एक स्वच्छ ईंधन विकल्प प्रदान करता है और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को काफी हद तक कम कर सकता है।

क्यों है यह प्लांट महत्वपूर्ण?

  • यह पहल नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।

  • समुद्री परिवहन क्षेत्र को कार्बन न्यूट्रल बनाने में मदद मिलेगी।

  • यह अन्य देशों के लिए भी हरित ईंधन परियोजनाओं का प्रेरणास्रोत बन सकता है।

मुख्य बिंदु (e-Methanol):

  1. स्थान – कासो, दक्षिणी डेनमार्क

  2. प्रोजेक्ट के सहयोगी –

    • European Energy A/S (डेनमार्क)

    • Mitsui & Co., Ltd. (जापान)

  3. लागत – 150 मिलियन यूरो (USD 167 मिलियन)

  4. उत्पादन क्षमता –

    • सालाना 42,000 मीट्रिक टन (MT) ई-मेथनॉल

    • यानी लगभग 53 मिलियन लीटर

दक्षिण डेनमार्क में शुरू हुआ यह ई-मेथनॉल प्लांट दुनिया के सामने एक नया मॉडल पेश करता है कि कैसे तकनीक और वैश्विक सहयोग के माध्यम से हम हरित भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
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