
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की अभूतपूर्व सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि भारत का UPI आज दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बन चुका है, जो प्रतिदिन 65 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन दर्ज कर रहा है। यह उपलब्धि UPI को न केवल भारत का, बल्कि वैश्विक स्तर पर वीज़ा जैसे प्रमुख भुगतान नेटवर्क से भी आगे ले जाती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में UPI के माध्यम से 185.8 अरब ट्रांजैक्शन किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 41% अधिक हैं। लेन-देन का कुल मूल्य भी 200 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह इंगित करता है कि UPI अब दुनिया की कुल रियल-टाइम भुगतान प्रणालियों में 48.5% की हिस्सेदारी रखता है, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे आगे रखता है।
संपूर्ण डिजिटल इंडिया अभियान की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में भारत का कुल डिजिटल भुगतान 35% बढ़कर 221.9 अरब ट्रांजैक्शन तक पहुंच गया, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 164.4 अरब था। ट्रांजैक्शन मूल्य में 17.97% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो अब 2,862 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि क्रेडिट कार्ड से भुगतान में वृद्धि दर्ज की गई है – 2024 के 3.5 अरब से बढ़कर 2025 में 4.7 अरब, जबकि डेबिट कार्ड से भुगतान में 29.5% की गिरावट आई और यह घटकर 1.6 अरब रह गया है। अब भारत में कुल गैर-नकद खुदरा भुगतान का 99.9% हिस्सा डिजिटल पेमेंट्स से हो रहा है।
UPI की इस वैश्विक सफलता को देखते हुए RBI ने 2028-29 तक इसे 20 देशों तक विस्तार देने का लक्ष्य तय किया है। वर्तमान में भारत के UPI ऐप्स का उपयोग भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और UAE में QR कोड स्कैनिंग के जरिए किया जा सकता है।
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