जुलाई 2020 में आठ कोर अवसंरचना क्षेत्रों के आउटपुट में 9.6% की गिरावट देखी गई है। यह संकुचन पिछले पाँच महीनों से जारी है।
- जुलाई 2020 में, उर्वरक क्षेत्र के अलावा सभी सात कोर क्षेत्रों- कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात, सीमेंट और विद्युत, में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।
- स्टील के उत्पादन में सबसे ज्यादा (16.5%) गिरावट देखी गई। इसके बाद रिफाइनरी उत्पादों (13.9%) में गिरावट देखी गई है।
- न्यूनतम गिरावट (2.3%) विद्युत क्षेत्र में देखी गई है।
- क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (Purchasing Managers’ Index- PMI) अगस्त माह में पिछले महीने की तुलना में 46 अंक से बढ़कर 52 हो गया है। जो लगातार चार महीनों के संकुचन के बाद विनिर्माण क्षेत्र में परिचालन स्थितियों में सुधार का संकेत है।अप्रैल 2020 से पूर्व, पिछले 32 महीनों से विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक में निरंतर बढ़ोतरी हो रही थी।
- भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के ‘क्रय प्रबंधक सूचकांक’ में सकारात्मक संकेतों के बावज़ूद इस क्षेत्र में ‘नौकरियों की छंटनी’ जारी है।
- PMI को आमतौर पर महीने की शुरुआत में जारी कर दिया जाता है।PMI को 0 से 100 तक के सूचकांक पर मापा जाता है। 50 से नीचे का आँकड़ा संकुचन (गिरावट) को प्रदर्शित करता है।
- आठ कोर क्षेत्र के उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और विद्युत शामिल हैं।
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक ( Index of Industrial Production-IIP) में आठ कोर उद्योगों का योगदान 40.27 प्रतिशत है।
- आठ प्रमुख उद्योगों का उनके भार का घटता क्रम: रिफाइनरी उत्पाद> विद्युत> इस्पात> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक