आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 3 जून, 2020 को आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी। आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में संशोधन के जरिए अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्‍याज और आलू जैसी वस्‍तुओं को आवश्‍यक वस्‍तुओं की सूची से हटा दिया जाएगा।

बिहार के किसानों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन (Amendment in Essential Commodities Act) से किसानों को फायदा मिलेगा. इससे किसानों को उनके फसल की उन्हें अच्छी किमत मिल पाएगी. किसान इससे न सिर्फ अपने राज्य बल्कि दूसरे राज्यों में भी अपनी फसल बेच पाएंगें. ज्ञात हो की आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है. इस घोषणा से बिहार के किसानों को काफी फायदा होगा.

दूसरे राज्यों में भी बेच पाएंगे फसल 

कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस घोषणा का उद्देश्य किसानों को उनके फसल का बेहतर दाम दिलाना है. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न, खाद्य तेल, तेलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पादों को डिरेगुलेट करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जायेगा. इस अधिनियम में संशोधन करने के बाद इन वस्तुओं के लिए कोई स्टॉक लिमिट नहीं रहेगी और ना ही कोई शुल्क लगेगा. केवल असाधारण परिस्थितियों में ही इन्हें रेगुलेट किया जायेगा. बिहार में पहले से ही कृषि उपज विपणन अधिनियम 2006 में ही समाप्त कर दिया गया था. परन्तु अन्य राज्यों में इसके प्रभावी रहने के कारण दूसरे राज्यों में फसल उत्पादों को बेचने में परेशानी होती थी.

प्रमुख बिंदु :

  • उत्‍पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्‍यापक स्‍तर पर उत्‍पादन करना संभव हो जाएगा और इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में निजी/प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा। इससे कोल्‍ड स्‍टोरेज में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला (सप्‍लाई चेन) के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।
  • संशोधन के तहत यह व्‍यवस्‍था की गई है कि अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि‍ उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • हालांकि, मूल्‍य श्रृंखला (वैल्‍यू चेन) के किसी भी प्रतिभागी की स्‍थापित क्षमता और किसी भी निर्यातक की निर्यात मांग इस तरह की स्‍टॉक सीमा लगाए जाने से मुक्‍त रहेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि क्षेत्र में निवेश हतोत्‍साहित न हो।
  • घोषित संशोधन मूल्‍यों में स्थिरता लाने के साथ-साथ किसानों और उपभोक्‍ताओं दोनों ही के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ ही भंडारण सुविधाओं के अभाव के कारण होने वाली कृषि उपज की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join Our Telegram