आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘प्रधान मंत्री आवास योजना- शहरी’ (PMAY-U) के अंतर्गत शहरी प्रवासियों/ गरीबों के लिये ‘एफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्पलेक्सेज़’ (ARHC) अर्थात ‘कम किराये वाले आवासीय परिसरों’ के निर्माण को मंज़ूरी प्रदान की है।
- वर्तमान में खाली पड़े सरकारी वित्त पोषित आवासीय परिसरों को 25 वर्षों के समझौतों से एफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्पलेक्सेज़ में परिवर्तित किया जाएगा।
- इन सरकारी परिसरों की मरम्मत, पानी, निकासी/सेप्टेज, स्वच्छता, सड़क इत्यादि आधारभूत ढाँचे से जुड़ी कमियों को दूर करके इन्हें रहने लायक बनाया जाएगा ।
- राज्य/संघ शासित क्षेत्रों को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से इन आवासीय परिसरों का चयन करना होगा।
- योजना के शुरुआती चरण में लगभग 3 लाख लोगों को शामिल किया जाएगा।
- तकनीक नवाचार अनुदान रूप में 600 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च होने का अनुमान है।
- ARHC की आवश्यकता – COVID-19 महामारी के परिणामस्वरूप देश में बड़े स्तर पर कामगारों/शहरी गरीबों का पलायन देखने को मिला है। ये प्रवासी किराया बचाने के लिये झुग्गी बस्तियों, अनौपचारिक/ अनाधिकृत कॉलोनियों या अल्प विकसित शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। ये लोग कार्यस्थलों पर जाने के लिये अपना काफी समय सड़कों पर चलकर/साइकिल चलाकर बिताते है और खर्च बचाने के लिये अपने जीवन को ज़ोखिम में डालते रहे हैं।इस योज़ना के अंतर्गत विनिर्माण उद्योग, आतिथ्य सेवा, स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति, घरेलू/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों तथा निर्माण या अन्य क्षेत्रों में लगे अधिकांश लोग, कामगार, विद्यार्थी आदि लक्षित समूह को शामिल किया गया है जो बेहतर अवसरों की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों या छोटे शहरों से आते हैं।यह योज़ना ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न को पूरा करेगी