हाल ही में ‘परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन’ (PCA) ने Enrica Lexie Case मामले में अपना अंतिम निर्णय देते हुए इटली के दो नौसेनिकों पर भारतीय मछुआरों की हत्या का आपराधिक मुकदमा चलाने को लेकर भारत के तर्क को खारिज़ कर दिया है।
मुख्य बिन्दु –
PCA ने भारत को इटली के दोनों नौसेनिकों के विरुद्ध सभी प्रकार की आपराधिक कार्यवाहियों को रोकने का आदेश दिया है।PCA ने, ‘एनरिका लेक्सी’ नामक तेल टैंकर जहाज़ पर तैनात इटली के दो नौसैनिकों पर दो भारतीय मछुआरों को गोली मार कर हत्या करने के आरोप पर सुनवाई पर करते हुए यह निर्णय दिया है।
- PCA ने अपने निर्णय में कहा कि भारत के पास इटली के दोनों नौसेना अधिकारियों पर ‘एनरिका लेक्सी’ मामले में किसी भी प्रकार का आपराधिक मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि वे दोनों नौसैनिक एक राष्ट्र की ओर से कार्य कर रहे थे, न कि व्यक्तिगत तौर पर।
- PCA ने माना कि इटली के सैन्य अधिकारियों की कार्यवाही ने भारत के नेविगेशन की स्वतंत्रता से संबंधित अधिकार का उल्लंघन किया है, जिसके कारण भारत मुआवज़े का हकदार है, क्योंकि इटली के सैन्य अधिकारियों की कार्यवाही के कारण भारत को जान-माल का नुकसान हुआ है।
UN Convention on the Law of the Sea-UNCLOS
UNCLOS एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जो विश्व के समुद्रों और महासागरों के उपयोग के लिये एक नियामक ढाँचा प्रदान करती है, जिसे 16 नवंबर, 1994 से प्रभावी बनाया गया।
UNCLOS के अनुच्छेद 287 (1) के अनुसार, संबधित देश ऐसे विवादों को निपटाने के लिये निम्नलिखित में से एक या अधिक साधनों का चयन करने की घोषणा कर सकता है:
‘समुद्र के कानून के लिये अंतर्राष्ट्रीय अधिकरण’ (International Tribunal for the Law of the Sea- ITLOS)- हैम्बर्ग, जर्मनी;
‘अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय’ – हेग;
‘तदर्थ मध्यस्थता’
या विवादों की कुछ श्रेणियों के लिये एक ‘विशेष मध्यस्थ न्यायाधिकरण’ का गठन।
वर्ष 2012 में ‘एनरिका लेक्सी’ घटना के बाद प्रारंभ में दोनों देशों द्वारा घरेलू स्तर पर मामले को निपटाने का प्रयास किया गया। इटली द्वारा वर्ष 2015 में ITLOS के समक्ष याचिका दायर की गई , 2015 में ITLOS ने अपने निर्णय में भारत तथा इटली को ‘एनरिका लेक्सी’ मामले के संबंध में घरेलू स्तर पर चल रहे सभी मामलों को निलंबित करने का आदेश दिया था।निर्णय के बाद इटली इस मामले को ‘परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन’ (PCA) के समक्ष लेकर गया।
UNCLOS का अनुच्छेद 100
यह अनुच्छेद सामुद्रिक पायरेसी के संबंध में देशों पर सहयोग करने का दायित्त्व आरोपित करता है। PCA ने इटली के इस तर्क को खारिज कर दिया कि भारत ने इतालवी पोत को अपने क्षेत्राधिकार में ले जाकर नौसैनिकों को गिरफ्तार कर अनुच्छेद- 100 का उल्लंघन किया है। अर्थात मामले को एक पायरेसी की घटना के रूप में नहीं देखा गया है।