ख़बरों में क्यों ?
बिहार के किशनगंज जिले के पुलिस अधीक्षक ने अपने जिले में एक नवाचार किया है। उस नवाचार का नाम है डॉ. इनामुल हक मेंगनू के ई-मालखाना मॉडल . डॉ. इनामुल हक मेंगनू के ई-मालखाना मॉडल को बिहार सरकार राज्य के सभी थानों में लागू करेगी।
प्रमुख बिंदु
- इस मॉडल की खासियत ऐसी है कि एक तरफ बिहार सरकार के पुलिस राजस्व में बढ़ोतरी होगी। वहीं दूसरी ओर पूरे बिहार भरे के थानों में वर्षों से पड़ा कबाड़ चुटकी बजाने वाले अंदाज में गायब हो जाएगा। इससे बिहार के सभी थानों का लुक बदल जाएगा। थाने पूरी तरह स्मार्ट और हाईटेक दिखने लगेंगे।
- इस मॉडल के तहत जो वाहन थाने में रखे-रखे सड़ जाते हैं उसकी एक विस्तृत सूची तैयार कराई जाए। उसके बाद वाहन से जुड़ी जानकारी के साथ एक नोटिस जारी किया जाए। इस नोटिस में वाहन के साथ गाड़ी मालिक की पूरी जानकारी हो। यदि वाहन मालिक संबंधित दस्तावेज के साथ थानें, पहुंचे तो उन्हें उनका वाहन सौंप दिया जाए। वाहन मालिकों के क्लेम नहीं करने की स्थिति में उस वाहन की निलामी कर दी जाए।
- ई-मालखाना में ये नियम हो कि निलामी से पहले वाहन की तस्वीर पुलिस के पास सुरक्षित रहे। इससे बहुत जल्द थानों से कबाड़ वाहनों का बोझ खत्म हो जाएगा।
- ई-मालखाना का एक सॉफ्टवेयर होगा। सॉफ्टवेयर बरामद गाड़ियों पर लगाये जाने वाले बारकोड को स्कैन करते ही पूरी जानकारी पुलिस को देगा। डॉ. इनामुल हक मेंगनू ने इस मॉडल को बकायदा किशनगंज में लागू कर दिया है।