चट्टानें

चट्टानें

वे सभी सामग्रियां जिनमें से पृथ्वी की भू-पर्पटी बनती है (जो जमीन से 16 किमी की गहराई तक फैली हुई है), चाहे वे ग्रेफाइट की तरह सख्त हों या चाकी अथवा मृत की भांति मुलायम हो चट्टान कहलाते है। चट्टानों में खनिज होते हैं। चट्टानों में उपस्थिति खनिज घटकों की समान संरचना नहीं है। चट्टानों में सामान्य रूप से मौजूद खनिज पदार्थ फेल्सपार और क्वार्ट्ज हैं। चट्टानों के विज्ञान को पेट्रोलॉजी कहा जाता है, जिसके तहत चट्टानों के विभिन्न रूपों का अध्ययन किया जाता है।

                            शैल चक्र
शैल चक्र एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें पुरानी शैल बदल जाती है और नया रूप ले लेती है। शैले अपने मूल रूप में लंबे समय तक नहीं रहता है, इसमें परिवर्तन होता रहता है। आग्नेय चट्टानें मैग्मा के ठंडा होने से बनने वाली प्राथमिक चट्टानें हैं। आग्नेय चट्टानों से अवसादी व कायांतरित चट्टानें बनती हैं। अवसादी व कायांतरित शैले पुनः प्रत्यावर्तन द्वारा पृथ्वी के भीतरी हिस्से में लौटती है और पृथ्वी के आतंरिक भाग में जाकर ताप वृध्दि के कारन पिघलकर मैमा बन जाती है, और जब यह ठंडा हो जाता है, तो यह एक आग्नेय चट्टान में बदल जाता है।

► चट्टानों को मूल रूप से तीन भागों में बाँटा गया है :

आग्नेय चट्टान

यह पृथ्वी के भीतरी भाग में मैग्मा और लावा के ठंडा होने से बनता है। इसलिए उन्हें प्राथमिक चट्टानें भी कहा जाता है। इसका वर्गीकरण कणों के आकार और पदार्थ की भौतिक स्थिति पर निर्भर करता है।

आग्नेय चट्टान की विशेषताएँ

आग्नेय चट्टानों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है :-

  • यह कठोर, स्थूल और कॉम्पैक्ट है।
  • उनमें रवे पाई जाती हैं, जिनका आकार मैग्मा की तीव्र शीतलन गति पर निर्भर करता है।
  • मैग्मा के तेजी से ठंडा होने के कारण, रवे छोटे हो जाते हैं और देर से ठंडा होने के कारण रवे बड़े हो जाते हैं।
  • इसमें कोई रन्ध्र नहीं है, जिसके कारण पानी उनमे आसानी से प्रवेश नहीं कर सकता है।
  • उनमें परतें नहीं होतीं।
  • इनमें जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं।
  • इन चट्टानों पर अपरदन क्रिया का प्रभाव कम होता है।
  • चट्टानों में खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

नोट :- दुनिया के अधिकांश खनिज इन चट्टानों में पाए जाते हैं। इनमें चुंबकित लोहा, निकल, तांबा, सीसा, जस्ता, क्रोमाइट, मैंगनीज, टिन, क्वार्ट्ज, कैल्साइट, माइका, मैग्नीशियम, सिलिकेट और कुछ दुर्लभ खनिज शामिल हैं; जैसे – सोना, हीरा, प्लेटिनम आदि।

अवसादी चट्टान       

इनका निर्माण उस पदार्थों से हुआ है जो कि निचले क्षेत्रों में अनाच्छादन के माध्यम से निक्षेपित किए जाते हैं, जैसे नदी, हवा, हिमनद आदि। अनाच्छादन पदार्थ ही तलछट या निक्षेप होता है, जो परत दर परत जमा होता है। बाद में, दबाव और संपीड़न जैसे कारकों के कारण, यह कठोर हो जाता है और तलछटी चट्टान का रूप ले लेता है। तलछटी चट्टानें पूरी सतह की मात्रा का केवल 5% हैं, फिर भी यह सतह के 75% क्षेत्र को कवर करती है।

अवसादी चट्टानों की विशेषताएँ

अवसादी चट्टानों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है :-

  • इन चट्टानों में जीव – जंतुओं और वनस्पतियों के जीवाश्म पाए जाते हैं। इन चट्टानों में रवे नहीं होती हैं, यानी वे रवे रहित होती हैं। इन चट्टानों में परतें स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं, यही कारण है कि उन्हें स्तर चट्टानों के रूप में भी जाना जाता है। ये चट्टानें छिद्रयुक्त हैं। रेत या बजरी-वर्चस्व वाली चट्टानों में छिद्र बड़े तथा चीका प्रधान चट्टानों में छिद्र छोटे होते है। छिद्रों के कारण, पानी आसानी से उनमें प्रवेश कर सकता है, जिसके कारण उन्हें संरध्र चट्टानें कहा जाता है। ये चट्टानें आग्नेय चट्टानों की तुलना में नरम हैं, और जल्दी से टूट जाती हैं।

नोट :- बालुकाश्म शैल, पत्थर,कोयला, डोलोमाइट, तथा पोटाश अवसादी चट्टान के उदहारण है. 

रूपांतरित चट्टानें

परतदार चट्टानों और आग्नेय चट्टानों में परिवर्तन के परिणामस्वरूप रूपांतरित शैल बनती हैं। रूपांतरण का अर्थ रूप के परिवर्तन से है। परिवर्तन प्रक्रिया के दौरान चट्टान का संगठन और रूप बदल जाता है, लेकिन चट्टान का विघटन एवं वियोजन नहीं होता है। वैसे परतदार और आग्नेय चट्टानों का परिवर्तन आम है, लेकिन कभी-कभी रूपांतरित चट्टानें भी बदल जाती हैं। इस क्रिया को पुनः रूपान्तरण कहा जाता है। रूपान्तरण की क्रिया के दौरान जब चट्टानों का रूप बदलता है तो यह दो रूपों में संभव होता है। भौतिक रूपान्तरण अथवा रासायनिक रूपान्तरण। कभी-कभी ये दोनों रूपांतरण के साथ मिलकर काम करते हैं।

रूपांतरित चट्टानों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है :-

  • अधिक ताप के कारण रूपांतरित चट्टान पिघल जाती है।
  • उच्च दबाव के बाद रूपांतरित चट्टान का आकार बदल जाता है।
  • रूपांतरित चट्टान पानी, कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन के साथ जल्दी से प्रतिक्रिया करती है।
  • यह चट्टान आसानी से अपना आकार बदल लेती है।

नोट:- स्लेट,सिस्ट,नीस,क्वार्ट्जाइट,संगमरमर तथा सर्पनाइटन रूपांतरित चट्टान का उदहारण है.

रूपांतरित चट्टान के रूपांतरित रूप

मूल रूप रूपांतरित रूप
ग्रेनाइट नीस
बिटुमिनस एन्थ्रासाइट
ग्रेबो सरपेंटाइन
बलुआ पत्थर क्वाटर्जाइट
चुना-पत्थर सनमरमर
शेल स्लेट
स्लेट फाइलाइट
पीट बिटुमिनस या एन्थ्रासाइट

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