मैथिली के कवि तारानंद वियोगी को मिलेगा ‘जनकवि‍ नागार्जुन स्‍मृति सम्‍मान’

ख़बरों में क्यों :

मैथिली के कवि-लेखक तारानंद वियोगी को ‘जनकवि नागार्जुन स्‍मृति सम्‍मान’ दिया जाएगा। जनकवि नागार्जुन स्‍मारक नि‍धि’ द्वारा संचालि‍त ‘जनकवि‍ नागार्जुन स्‍मृति सम्‍मान’ की नि‍र्णायक-समि‍ति की बैठक में यह फैसला लिया गया।

प्रमुख बिंदु :

  • डॉ. वियोगी ने बाबा नागार्जुन पर मैथिली में संस्मरण की किताब ‘तुमि चिर सारथी’ लिखी है जिसका मैथिली अनुवाद ‘पहल पुस्तिका’ के रूप में छप चुकी है।
  • इन्होंने रज़ा फाउंडेशन के लिए बाबा नागार्जुन की वृहदाकार जीवनी ‘युगों का यात्री’ हिन्दी में लिखी है जो बहुप्रशंसित हुई। इन्होंने हिन्दी-मैथिली के चर्चित रचनाकार और अपने ग्रामीण राजकमल चौधरी की चर्चित जीवनी ‘जीवन क्या जिया’ भी लिखी है।
  • उन्हें इससे पहले साहित्य अकादेमी का बाल साहित्य पुरस्कार, यात्री-सम्मान, किरण-सम्मान, विदेह सम्मान आदि मिल चुके हैं।
    जनकवि‍ नागार्जुन स्‍मारक नि‍धि’ की स्‍थापना सन् 2017 में बाबा नागार्जुन की स्‍मृति में हुई थी
  • इससे पहले ‘जनकवि नागार्जुन स्‍मृति सम्‍मान’ से हिन्दी के वरिष्ठ कवि नरेश सक्‍सेना, राजेश जोशी, आलोक धन्वा, वि‍नोद कुमार शुक्‍ल और ज्ञानेंद्रपति सम्मानित हो चुके हैं।

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