जल जीवन मिशन की प्रभावी निगरानी के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स

छह लाख से अधिक गांवों में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी के लिए सेंसर-आधारित इंटरनेट ऑफ थिंग्स (इंटरनेट ऑफ थिंग्स: IoT) उपकरण का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है।

इसके लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने टाटा कम्यूनिटी इनिशिएटिव ट्रस्ट (टीसीआईटी) और टाटा ट्रस्ट्स के साथ मिलकर पांच राज्यों उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के दूरदराज स्थित कई गांवों में पायलट प्रोजेक्ट्स पूरे किए।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) पर आधारित रिमोट मॉनिटरिंग,सेंसर का उपयोग करके बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के लगभग वास्तविक जानकारी उपलब्ध करवाती है। इससे ना सिर्फ जमीनी स्तर पर प्रभावी निगरानी और प्रबंधन होता है बल्कियह राज्य जलापूर्ति/पीएचईडी अधिकारियों और नागरिकों को भी वास्तविक समय की दृश्यता के लिए सक्षम बनाती है।

प्रत्येक घर के लिए नल के पानी की नियमित आपूर्ति के दृष्टिकोण के साथ, ग्रामीण पेयजल की आपूर्ति योजना के लिए, परिचालन क्षमताओं में सुधार, लागत में कमी, शिकायत निवारण आदि के साथ, वास्तविक माप और निगरानी भी महत्वपूर्ण है।

आंकड़े सेवा उपलब्ध कराने और पानी जैसे अमूल्य प्राकृतिक संसाधन के लिए पारदर्शिता लाने में सुधार करेंगे। अतः इस प्रकार की प्रणाली की तैनाती के लिए मजबूत सामाजिक और आर्थिक वातावरण बनाया जा रहा है।

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