भारत अपने जल निकायों का एटलस तैयार करने वाला अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा देश है। भारत में भी यह काम केवल बिहार सरकार द्वारा किया जा रहा है। यह कार्य जल जीवन हरियाली अभियान के तहत किया जा रहा है। राज्य के दो लाख से अधिक तालाबों, नहरों, पोखरों, अरहरों और पाइंस के प्रामाणिक विवरण जल्द ही आधिकारिक तौर पर होंगे। सरकार के तीन विभाग, राजस्व और भूमि सुधार विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और जल संसाधन विभाग इस काम में लगे हैं। इसको लेकर तीनों विभागों के प्रधान सचिवों की बैठक भी हुई है।
पोखर और राज्य के तालाब का विवरण ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदान किया गया है और नदी, नहर का विवरण जल संसाधन विकास विभाग द्वारा प्रदान किया गया है।
इससे प्राप्त आंकड़े आपदा प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण, भूजल स्तर के रखरखाव, पुरातात्विक स्थलों की खुदाई, पर्यटन को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी। बिहार के वाटर बॉडीज के गजेटियर कम एटलस के जून 2021 तक प्रकाशित होने की उम्मीद है।
राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने इस काम के लिए स्टडी टुडे पब्लिकेशन को अधिकृत किया है। उत्तर बिहार के जिलों का काम लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही दक्षिण बिहार के जिलों का काम शुरू होगा। यह गजेटियर कम एटलस 200 से 250 पेज की किताब होगी। इसमें जल निकायों के साथ सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, इतिहास, पुरातत्व, जलवायु, कृषि, उद्योग, पर्यटन आदि से संबंधित जानकारी भी होगी। प्रत्येक जिले को पुस्तक में कम से कम छह पृष्ठ दिए जाएंगे।