डिटेल स्टेटस ऑफ टाइगर्स सेंसस -2018 (बाघ संगणना-2018) जारी

हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन (MoEFCC) द्वारा ‘इंटरनेशनल टाइगर डे’ के अवसर पर 29 जुलाई को  ‘डिटेल स्टेटस ऑफ टाइगर्स सेंसस -2018’ रिपोर्ट जारी की गई।Image result for 'Detail Status of Tigers Census-2018'29 जुलाई को बाघ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ आयोजित किया जाता है, इसकी शुरुआत वर्ष 2010 में ‘सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट’ के समय की गई थी। इसमे  बाघ संरक्षण पर ‘सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा’ पर हस्ताक्षर किये गए जिसमें सभी ‘टाइगर रेंज कंट्रीज़’ द्वारा 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का संकल्प लिया गया था।
वर्तमान में भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम सहित कुल 13 देश ‘टाइगर रेंज कंट्रीज़’ में शामिल है।
2,967 बाघों की संख्या के साथ भारत ने चार वर्ष पूर्व ही (2006 में 1,400)   ‘सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा’ के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।

रिपोर्ट की विशिष्टता:
बाघों के अलावा, सह-शिकारियों और प्रजातियों के लिए ‘बहुतायत सूचकांक’ तैयार किया गया है।
‘बहुतायत सूचकांक’ एक क्षेत्र में सह-शिकारियों और प्रजातियों के सापेक्ष वितरण को संदर्भित करता है।
पहली बार, ‘सभी कैमरा ट्रैप साइट्स’ पर बाघों का लिंग अनुपात दर्ज किया गया है।
पहली बार, बाघों की आबादी पर मानव-कारण प्रभाव के बारे में विस्तृत विवरण दिया गया है।
एक बाघ रिजर्व के एक विशेष हिस्से में  पहली बार बाघों की बहुतायत को दर्शाती हैं।
टाइगर कम्प्यूटेशन -2018 को World गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ’के रूप में दुनिया के सबसे बड़े Survey कैमरा ट्रैप सर्वे ऑफ वाइल्डलाइफ’ के रूप में दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट में प्रमुख ‘टाइगर कॉरिडोर’ और कमजोर क्षेत्रों की स्थिति का आकलन किया गया; जहां विशेष सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
बाघ निगरानी के लिए ‘मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर टाइगर्स इंटेंसिव प्रोटेक्शन एंड इकोलॉजिकल स्टेटस’ (M-STrIPES) का उपयोग किया जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2006-2018 के बीच भारत में बाघों की संख्या में 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की वृद्धि हुई है।वैश्विक बाघों की आबादी का लगभग 70 प्रतिशत भारत में है।
पश्चिमी घाट मे लगभग 724 बाघों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी निरंतर बाघ आबादी है।
इसमें निरंतर क्षेत्र नागरहोल-बांदीपुर-वायनाड-मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बीआरटी ब्लॉक शामिल हैं।
क्षेत्रीय विश्लेषण:
मध्य प्रदेश (526) में सबसे अधिक बाघ पाए गए, पूर्वोत्तर भारत के अलावा, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में बाघों की स्थिति में लगातार गिरावट आई है। 

सरकार मानव-पशु संघर्ष की चुनौती से निपटने के लिए एक कार्यक्रम पर काम कर रही है, जिसके तहत जंगलों में ही जानवरों को पानी और चारा उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी।
इसके लिए पहली बार LiDAR (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) आधारित सर्वेक्षण तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

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