खबरों में क्यों ?
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने नदी जोड़ परियोजना के कार्यों की समीक्षा करने के लिए बिहार के नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के तेलमर में चिरैया नदी के बराज के ऊपर हो रहे कार्यों की समीक्षा की। यह प्रदेश की पहली नदी जोड़ परियोजना होगी। इस परियोजना पर 18.64 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह नदियों को जोड़ने वाली पहली परियोजना है।
प्रमुख बिंदु :
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है कि छोटी और बड़ी नदियों को आपस में जोड़ कर सिंचाई की व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके, जिससे किसानों को फायदा हो और राज्य में अनाज की पैदावार बढ़े।
- इस परियोजना के तहत राज्य की हर छोटी-बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने का काम चल रहा है। यह पहली नदी है जिस पर काम पूरा हो चुका है.
- इस परियोजना के पूरा हो जाने से हजारों किसानों को फायदा होगा इसमें दो हजार एकड़ से अधिक भूमि को सिंचाई करने के लिए पानी मिल सकेगा।इसके तहत कई पक्की नहरों को भी निकाला जाएगा, साथ ही आस पास के खेतों में पानी देने के लिये आउटलेट लाइन की भी व्यवस्था की जाएगी। इस योजना के तहत 19 से अधिक गांव को फायदा होगा।
- नदी को एक दूसरे से जोड़ने का की परिकल्पना 2003 में अटल बिहारी बाजपेई ने देखी थी। अभी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार देश के कुल 31 नदी को आपस में जोड़कर कनेक्टिविटी बढ़ाया जा सके इसपर काम किया जा रहा है। इससे 15000 किलोमीटर नहर को खोदनी होंगी। जिससे 174 घन किमी पानी को स्टोर किया जा सकेगा।