खबरों में क्यों?
12 अप्रैल 2022 को बिहार राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष विजेंद्र यादव ने कहा कि वार्षिक बजट व्यय के मामले में बिहार एक साल में 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर 6 प्रमुख राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जिसने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.
प्रमुख बिंदु :
- सालाना बजट खर्च के मामले में बिहार 5 राज्यों से आगे है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात शामिल हैं।
- गौरतलब है कि ये सभी राज्य पहले से ही विकसित राज्य की श्रेणी में आते हैं, साथ ही इनमें औद्योगीकरण के साथ-साथ समुद्री बंदरगाह की भी सुविधा है। समुद्री बंदरगाह होने के कारण राज्य में परिवहन आसान हो जाता है।
- वहीं झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में भारी उद्योग की भारी कमी हो गई है. अब तक इस कमी को दूर नहीं किया जा सका है।
- विजेंद्र यादव ने कहा कि 2005 से पहले राज्य सरकार 25,000 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं कर पाती थी. आय भी 4 अंकों तक सीमित थी, जो वर्तमान में 56,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
- उन्होंने बताया कि राज्य के जीएसटी संग्रह में पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा पिछले वर्ष की तुलना में पंजीकरण कर, परिवहन कर एवं खदान एवं भूमि तत्व कर में भी 107 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।