ख़बरों में क्यों?
सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि विरासत वृक्षों को चिह्नित करने के बाद उनके संरक्षण की योजना जिला स्तर पर बना कर उस पर काम कराया जा सकता है. इस काम में स्थानीय वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) से सहायता ली जा सकती है. डीएफओ को जैव विविधता अधिनियम के तहत नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव ने ज़िलाधिकारियों से अनुरोध किया है कि बिहार हेरिटेज ट्री एप के माध्यम से राज्य के विरासत वृक्षों से संबंधित सूचनाएँ एकत्रित करने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। साथ ही, उन वृक्षों के संरक्षण के लिये आवश्यक कार्रवाई की जाए।
- विरासत वृक्षों के संरक्षण के लिये बिहार हेरिटेज ट्री एप के माध्यम से बिहार राज्य जैवविविधता परिषद द्वारा एक डाटा बेस तैयार किया जा रहा है।
- इसमें जनप्रतिनिधि, छात्र, शिक्षक, किसान, पदाधिकारी, कर्मचारी, जैवविविधता प्रबंधन समिति के सदस्य सहित सभी लोग भाग ले सकते हैं। इन सभी को जैव विविधता के लिये प्रेरित किया जाए।
- साथ ही बिहार हेरिटेज ट्री एप के माध्यम से 50 वर्षों से अधिक पुराने वृक्षों की सूचनाएँ बिहार राज्य जैव विविधता परिषद के पोर्टल पर अपलोड की जा सकती है।