बैंक डिपॉजिट पर बीमा कवर एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि यह बीमा कवर रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी – डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए यह कदम एक बड़े उपाय के रूप में उठाया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शनिवार को अपने बजट भाषण में जमा पर बीमा कवर को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की। इससे पहले वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा था कि वित्तीय सेवा विभाग ने डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
सरकार के इस फैसले से लोगों का बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा। बीमा कवर में वृद्धि के साथ, बैंक अब हर सौ रुपये के जमा पर दस पैसे के बदले बारह पैसे का प्रीमियम देंगे। बीमा कवर योजना देश में संचालित सभी निजी, सहकारी और विदेशी बैंकों को कवर करती है। विदेशी सरकारों के जमा, केंद्र और राज्य सरकारों के जमा और अंतर-बैंकिंग जमाओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। 1993 से जमा पर एक लाख रुपये का बीमा कवर लागू था।
रियल एस्टेट कंपनी-एचडीआईएल द्वारा पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक। बैंक को ऋण देने में वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद जमा राशि पर बीमा कवर बढ़ाने की मांग तेज हो गई थी।