भारतीय सेना ने आज औपचारिक रूप से सैन्य फार्म को बंद कर दिया है। ब्रिटिश काल में सैनिकों के लिए गाय के स्वच्छ दूध की आपूर्ति के उद्देश्य से सैन्य फार्मो की स्थापना की गई थी। पहला सैन्य फार्म 1 फरवरी 1889 को इलाहाबाद में बनाया गया था।
- रक्षा मंत्रालय ने अगस्त 2017 में कई सुधारों की घोषणा की थी कि जिनमें सैन्य फार्म को बंद करना भी शामिल था।
- इन फार्म की स्थापना सेना की इकाइयों को दूध की आपूर्ति के लिए ब्रिटिश काल में की गई थी।
- सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्र की 132 साल तक शानदार सेवा करने के बाद इस संगठन को बंद किया जा रहा है।’’ सैन्य फार्म ने एक सदी से अधिक समय तक सैन्य समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ 3.5 करोड़ लीटर दूध की आपूर्ति की।
- वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान पश्चिमी तथा पूर्वी युद्ध मोर्चों पर सेवा प्रदान करते हुए दूध की आपूर्ति के साथ-साथ कारगिल युद्ध के समय उत्तरी कमान में इसका संचालन कार्य उल्लेखनीय रहा है।
- 1990 के दशक के अंत में लेह और कारगिल में भी दैनिक आधार पर सैनिकों को ताजा और स्वच्छ दूध की आपूर्ति के उद्देश्य के साथ सैन्य फार्मों की स्थापना की गई थी। इसका एक अन्य प्रमुख कार्य सैन्य भूमि के बड़े इलाके की देखभाल करना था।
- स्वतंत्रता के बाद पूरे भारत में 30,000 मवेशियों के साथ 130 सैन्य फार्म बनाए गए थे। पहला सैन्य फार्म एक फरवरी 1889 को इलाहाबाद में स्थापित किया गया था।