मगही पान का ब्रिटेन और अमेरिका सहित अरब देशों में होगा निर्यात

अभी तक मगही पान (Magahi Paan) का स्वाद देश के कई राज्यों तक पहुंचता रहा है. पर अब बिहार का मगही पान अंग्रेजों के भी मुंह लाल करेगा. दुनिया भर में पान के शौकीनों के बीच बिहार (Bihar) के मगही पान को पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गई है. कई कम्पनियों ने आगे बढ़कर इसके निर्यात में दिलचस्पी दिखाई है. बिहार के मगही पान को जीआई टैग (GI Tag) मिलने के बाद विदेशों में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ गई. अब ब्रिटेन, अमेरिका सहित फ्रांस जैसे देशों में मगही पान का निर्यात होगा.

मगही पान को दूसरे देशों में निर्यात होने का श्रेय बिहार कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. आरके सहाने को जाता है, जिन्होंने मगही पान को लेकर पहल की और केंद्र सरकार तक बात पहुंचाई. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था एपीडा ने मगही पान को सूचीबद्ध कर दिया है. इसके बाद विदेशों तक भेजने की तैयारी शुरू हो गई है.

कई निर्यातक कम्पनियां भी मगही पान के निर्यात के लिए आगे आने लगी हैं. मगही पान के निर्यात से बिहार के किसानों को बड़ा फायदा मिल सकेगा. क्योंकि बिहार के कई जिलों में मगही पान का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, इसकी खपत अबतक बिहार और यूपी तक ही होती थी. अब कई देशों तक जाने से कई जिलों के किसानों को फायदा मिलेगा.

बिहार में दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, वैशाली, नवादा, नालन्दा, गया, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, सारण, सिवान, मुंगेर, बेगूसराय और शेखपूरा में मगही पान की खेती होती है. बिहार में मगही पान का फिलहाल 150 करोड़ का कारोबार है जिसपर लाखों किसानों की आजीविका निर्भर है. लगभग 20 लाख किसानों की आमदनी पान की खेती पर निर्भर है. बिहार में 5 हजार हेक्टेयर में पान की खेती होती है. विदेशों में मगही पान के निर्यात के बाद माना जा रहा है कि पान से किसानों की होने वाली आमदनी दोगुनी हो जाएगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join Our Telegram