मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम’ (MEIS) के तहत प्राप्त कुल लाभों की उच्चतम सीमा लागू

हाल ही में भारत सरकार ने ‘मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम’ (MEIS) के तहत प्राप्त कुल लाभों की उच्चतम सीमा लागू करने का निर्णय लिया है।MEIS योजना के तहत किसी आयात निर्यात कोड ( IEC) धारक को दिया जाने वाला कुल लाभ 01 सितंबर, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक की अवधि के दौरान किये गए निर्यातों के प्रति IEC पर 2 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होगा।

आयात निर्यात कोड (Import Export Code- IEC):यह कोड केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा जारी किया जाता है।IEC एक 10-अंकीय कोड है जिसकी वैधता जीवन भर की है। मुख्य रूप से आयातक, आयात निर्यात कोड के बिना माल आयात नहीं कर सकते हैं और इसी तरह, निर्यातक व्यापारी IEC के बिना निर्यात योजना आदि के लिये DGFT से लाभ नहीं प्राप्त कर सकते हैं। 

  • कोई भी IEC धारक जिसने 01 सितंबर, 2020 से पहले एक वर्ष की अवधि के दौरान कोई निर्यात नहीं किया है या एक सितंबर या उसके बाद नई IEC प्राप्‍त की है, वे MEIS के तहत कोई भी दावा प्रस्तुत करने के हकदार नहीं होंगे।
  • उपरोक्‍त उच्‍चतम सीमा अधोमुखी संशोधन के अधीन होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 01 सितंबर, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक की अवधि के दौरान MEIS के तहत कुल दावा राशि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 5000 करोड़ रुपए के निर्धारित आवंटन से अधिक न हो।
  • विदेश व्यापार नीति: 2015-20 के तहत 1 अप्रैल 2015 को MEIS को लॉन्च किया गया था।
  • इसका उद्देश्य MSME क्षेत्र द्वारा उत्पादित/निर्मित उत्पादों सहित भारत में उत्पादित/निर्मित वस्तुओं/उत्पादों के निर्यात में शामिल अवसंरचनात्मक अक्षमताओं एवं संबंधित लागतों की भरपाई करना है।
  • MEIS के तहत, भारत सरकार उत्पाद एवं देश के आधार पर शुल्क लाभ प्रदान करती है।  

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