महिला अधिकारियों को ‘स्थायी कमीशन’ देने के लिए आदेश लागू

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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सेना में शामिल ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ महिला अधिकारियों को ‘स्थायी कमीशन’ देने के मामले में सरकार को आदेश लागू करने के लिये एक महीने की समय-सीमा दी ।

  • मुख्य बिन्दु – 
    केंद्र सरकार ने  भारतीय सेना में महिलाओं को ‘स्‍थायी कमीशन’  देने तथा कमांड पोस्‍ट में उनकी तैनाती के संबंध में प्रावधान तैयार करने के लिये सर्वोच्च न्यायालय से 6 महीने के अतिरिक्‍त समय की मांग (महामारी के कारण) की  है।
    इसी संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार को एक माह का और समय दिया गया है।
  • स्थायी कमीशन- 
    अभी तक सेना में महिला अधिकारियों की भर्ती शार्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से होती है।
    शार्ट सर्विस कमीशन से भर्ती होने के बाद वो 14 साल तक सेना में नौकरी करती थीं। 14 वर्ष के बाद उन्हें रिटायर कर दिया जाता था। सेना में पेंशन पाने के लिये 20 वर्ष तक नौकरी पूरी करने का नियम है। स्थायी कमिशन के तहत कोई अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में कार्य कर सकता है और इसके बाद वह पेंशन का हकदार भी होगा। स्थायी कमीशन से महिला अधिकारी 20 वर्षों तक कार्य कर सकती है ।
  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 2010 में सरकार को आदेश दिया था कि महिलाओं को लड़ाकू इकाइयों से बाहर रखने के नीतिगत फैसले को बरकरार रखते हुए सभी शॉर्ट-सर्विस कमीशन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए।
  • 17 फरवरी, 2020 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया कि उन सभी महिला अफसरों को तीन महीने के अंदर सेना में स्थायी कमीशन दिया जाए जो इस विकल्प को चुनना चाहती हैं। 

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