इस साल 7 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक दूरदराज के गांव किबिथु में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का अनावरण किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर और समृद्ध समुदायों में बदलना है।
किबिथु गांव: उगते सूरज की भूमि का प्रवेश द्वार
किबिथु भारत का सबसे पूर्वी गाँव है और इसे उगते सूरज की भूमि, अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार माना जाता है। अपनी रणनीतिक स्थिति के बावजूद, गाँव में बिजली, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और उचित सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ये कारक निवासियों के लिए आवश्यक सेवाओं तक पहुंच को कठिन बनाते हैं।
आत्मनिर्भर भारत का विज़न: आत्मनिर्भर भारत
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर और आत्मनिर्भर बनाना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण आबादी के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने और इन क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा। सरकार ने चरणबद्ध तरीके से इस पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए धन आवंटित किया है।
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का प्रभाव
कार्यक्रम का उद्देश्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करके और आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण भारत में क्रांति लाना है। सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे लोगों के लिए आवश्यक सेवाओं तक पहुंच आसान हो जाएगी। बिजली और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच के प्रावधान से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। कौशल विकास कार्यक्रम स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेंगे, आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देंगे।