विश्व गौरेया दिवस 2021

गौरैया की घटती आबादी को देखते हुए इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने वर्ष 2002 में इसे ऐसी प्रजातियों में शामिल कर दिया, जिनकी संख्या कम है, और वे विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसी क्रम में 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस (world sparrow day) के रूप में घोषित किया गया, ताकि गौरैया के बारे में जागरूकता को बढ़ाया जा सके।

इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस की थीम ‘आई लव स्पैरो’ है।

गौरैया पक्षी पारिस्थितिक तंत्र के एक हिस्से के रूप में हमारे पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है। गौरैया अल्फा और कटवर्म नामक कीड़े खाती है, जो फसलों के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। इसके साथ-साथ गौरेया बाजरा, धान, चावल के दाने भी खाती है। वर्तमान समय में विश्व स्तर पर इसके संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

भारत सरकार भी इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। राजधानी दिल्ली और बिहार ने गौरैया को अपना राजकीय पक्षी घोषित किया है। इसके साथ ही, दिल्ली में ‘सेव स्पैरो’ के नाम से इसके संरक्षण की मुहिम भी चलाई गई है। एनएफएस द्वारा गुजरात के अहमदाबाद में ‘गौरैया पुरस्कार’ की घोषणा की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों की सराहना करना है, जो पर्यावरण और गौरेया संरक्षण में अपना योगदान दे रहें हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join Our Telegram