वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक ‘( MPI) की निगरानी के लिए नीति आयोग’ द्वारा राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का निर्माण

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक ‘( MPI) की निगरानी करने के लिए नीति आयोग’  द्वारा राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का निर्माण किया जा रहा है। नीति आयोग, भारत में MPI की निगरानी के लिए नोडल एजेंसी है।

वैश्विक ‘बहुआयामी गरीबी सूचकांक’ 107 विकासशील देशों की बहुआयामी गरीबी मापने की इसे ‘ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल’ (OPHI) और ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (UNDP) द्वारा वर्ष 2010 में विकसित किया गया था।इसे प्रतिवर्ष जुलाई माह में संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास पर ‘उच्च स्तरीय राजनीतिक अधिकार’ (HLPF) में जारी किया जाता 

  • वैश्विक MPI, भारत सरकार द्वारा पहचाने गए उन 29 चुनिंदा वैश्विक सूचकांकों में से एक है, जिन्हें ‘सुधार और विकास के लिये वैश्विक संकेतक’ (Global Indices to Drive Reforms and Growth- GIRG) के रूप में जाना जाता है। 
  • GIRG में शामिल सूचकांक, महत्त्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक संकेतकों के आधार पर भारत के प्रदर्शन का मापन और निगरानी करने में मदद करते हैं  
  • नीति आयोग द्वारा MPI की निगरानी के लिये एक ‘बहुआयामी गरीबी सूचकांक समन्वय समिति’ का गठन किया गया है।
  • इस समिति में विद्युत, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, आवास और शहरी मामले, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण जैसे मंत्रालयों और विभागों के सदस्य शामिल हैं। इन मंत्रालयों/विभागों का चयन MPI सूचकांक में शामिल दस संकेतकों के आधार पर किया गया है। 
  • MPI में प्रदर्शन की निगरानी के लिये MPI पैरामीटर डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है। 
  • यह डैशबोर्ड पाँच बेंचमार्को के आधार पर राज्यों की प्रगति का आकलन  करेगा। 
    • MPI के आयाम (शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर);
    • MPI के संकेतकों (10 संकेतकों); 
    • उप-संकेतकों (प्रत्येक संकेतक में 13 उप-संकेतक), 
    • आधार रेखा [‘राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS)- 4 के आधार पर निर्धारित]
    • राज्यों की वर्तमान स्थिति (संकेतकों के नवीनतम आउटकम सर्वे पर आधारित)
  • MPI के अनुसार, राज्यों में आवश्यक सुधारों को लागू करने के लिये एक ‘राज्य सुधार कार्य योजना’ (State Reform Action Plan- SRAP) को क्रियान्वित किया जाएगा।

नीति आयोग का राष्ट्रीय MPI निगरानी फ्रेमवर्क ‘सतत् विकास लक्ष्य’- 1, जो गरीबी को उसके सभी रूपों में हर जगह से खत्म करने पर बल देता है, के अनुरूप है।विश्व बैंक की गरीबी रेखा की अवधारणा की तुलना मे MPI, अधिक व्यापक दृष्टिकोण है, जो ‘सामाजिक अवसंरचना’ पर व्यय बढ़ाने की भारत की आवश्यकता के अनुकूल है। MPI का राष्ट्रीय मापन प्रतिस्पर्द्धी संघवाद को बढ़ावा देगा।

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