‘संजीवनी बूटी’ पौधे को जैव विविधता कार्यक्रम में प्रदर्शित करेगी बिहार सरकार

ख़बरों में क्यों :

बिहार सरकार ने एक औषधीय पौधे को इस महीने के अंत में चेन्नई में आयोजित होने वाले जैव विविधता प्रदर्शनी में प्रदर्शित करने का फैसला किया है। स्थानीय लोग इस पौधे को ‘संजीवनी बूटी’ के समान मानते हैं, जिसने रामायाण में लक्ष्मण का जीवन बचाया था।

प्रमुख बिंदु :

  • ‘सिलेजिनेला ब्रायोप्टेरिस’ (संजीवनी) नामक औषधीय गुण वाला यह पौधा राज्य के रोहतास जिले में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस पौधे में गंभीर तंत्रिका तंत्र विकारों को ठीक करने के गुण हैं।
  • 22 मई को अंतररष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर चेन्नई में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
  • रोहतास जिले के “संजीवनी बूटी” के पौधों का उल्लेख ‘फ्लोरा ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ नामक एक शोध पत्र में किया गया था, जिसे 1890 में वनस्पतिशास्त्री और खोजकर्ता सर जेडी हूकर द्वारा तैयार किया गया था। इसे अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के डेविस लाइब्रेरी में रखा गया है।

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