सरकार का 4,960 मिलन-2टी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ अनुबंध

रक्षा मंत्रालय ने आज भारतीय सेना के लिए 4960 मिलन-2टी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की आपूर्ति के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।रक्षा क्षेत्र का सार्वजनिक उपक्रम एक हजार 188 करोड रूपये मूल्य वाली मिसाइल की आपूर्ति करेगा।

इस समझौते पर भारत डाइनेमिक्स लिमिटेड के साथ पहले भी आठ मार्च 2016 हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।

इन मिसाइलों को जमीन के साथ-साथ वाहन लांचर से भी दागा जा सकता है। इसका निर्माण फ्रांस के लाइसेंस के तहत भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा किया गया है।

ये मिसाइल इतनी ताकतवर है कि दुश्‍मन के ऐसे बैटल टैंक्‍स को भी पूरी तरह से तबाह कर सकती है जो विस्‍फोटक रक्षा कवच से लैस होते हैं. इसके अलावा गतिमान और स्‍थायी टारगेट्स को भी ध्‍वस्‍त कर सकती है.

इंडियन आर्मी को 1,188 करोड़ की कीमत पर ये मिसाइलें मिलेंगी और अगले तीन सालों के अंदर इन्‍हें सेना में शामिल कर लिया जाएगा.रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि फ्रांस की एक डिफेंस फर्म के साथ लाइसेंस के साथ इन मिसाइलों को डेवलप किया जाएगा. मिलान 2टी एक सिंगल मैन चार्ज मिसाइल है जिसे सन् 1993 में डेवलप किया गया.

रेंज :

मिलान-2टी एक मैन पोर्टेबल मिसाइल है और दूसरी पीढ़ी की ATGM है. ये मिसाइल इतनी ताकतवर है कि दुश्‍मन के ऐसे बैटल टैंक्‍स को भी पूरी तरह से तबाह कर सकती है जो विस्‍फोटक रक्षा कवच से लैस होते हैं. इसके अलावा गतिमान और स्‍थायी टारगेट्स को भी ध्‍वस्‍त कर सकती है. मिलान 1850 मीटर की रेंज वाली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है. इस मिसाइल को बीडीएल, MBDA मिसाइल सिस्‍टम से मिले लाइसेंस के तहत डेवलप करेगी.

मिलान एक फ्रेंच शब्‍द है जिसका अर्थ होता है पतंग और यह एक पश्चिमी यूरोपियन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है. इसे डेवलप करने का काम सन् 1962 में शुरू हुआ था. 1971 में इसे ट्रायल्‍स के लिए भेजा गया और 1972 से ये सर्विस में हैं. ये मिसाइल वायर गाइडेड सालकोस यानी सेमी-ऑटोमैटिक कमांड टू लाइन ऑफ साइट मिसाइल है यानी लॉन्‍च करने से पहले यूनिट को टारगेट पर नजर टिकानी होगी ताकि मिसाइल सही दिशा की तरफ गाइड हो सके.

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