सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा।

वर्ष 2018 के बाद से पोषण अभियान के तहत प्रत्येक वर्ष सितंबर महीने को पोषण माह (पोषन माह) के रूप में मनाया जाता है।’भारतीय कृषि निधि को प्रत्येक ज़िले में पैदा होने वाली फसलों और उनके पोषण मूल्यों से संबंधित पूरी जानकारी रखने के लिए बनाया जा रहा है।

इसमें महीने भर की गतिविधियों को शामिल किया गया है जिसमें प्रसव पूर्व देखभाल, इष्टतम स्तनपान, एनीमिया, विकास की निगरानी, ​​लड़कियों की शिक्षा, आहार, विवाह की सही उम्र, स्वच्छता और साफ-सफाई और स्वस्थ भोजन (खाद्य आहार) आदि शामिल हैं।ये गतिविधियाँ सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार  पर ध्यान केंद्रित करती हैं तथा  जन आंदोलन दिशा-निर्देशों पर आधारित होती हैं।

  • इसे राष्ट्रीय पोषण मिशन के रूप में भी जाना जाता है, यह बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं हेतु पोषण परिणामों में सुधार करने के लिये भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। पोषण का अर्थ है-‘समग्र पोषण के लिये प्रधान मंत्री व्यापक योजना’।8 मार्च, 2018 को राजस्थान के झुंझनू से लॉन्च किया गया था।
  • इसका क्रियान्वयन महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
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  • इसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक स्टंटिंग, कम वजन और जन्म के वक़्त, शिशु में कम वजन, प्रत्येक में प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की तथा युवा बच्चों, किशोरों और महिलाओं में एनीमिया प्रत्येक में प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की कमी लाना है
  • स्टंटिंग को कम करने का न्यूनतम लक्ष्य प्रत्येक वर्ष 2 प्रतिशत है, परंतु यह मिशन इसे 2016 के 38.4 प्रतिशत से वर्ष 2022 तक 25 प्रतिशत तक कम करने का प्रयास करेगा।

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