हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ,SII, पुणे को भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया-डीसीजीआई) द्वारा भारत में कोविशिल्ड के दूसरे और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण (क्लिनिकल ट्रायल) का संचालन करने के लिए मंजूरी दे दी गयी है । SII दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। कम-और मध्यम आय वाले देशों के लिए COVID-19 वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए इसने स्वीडिश-ब्रिटिश फार्मा एस्ट्राजेनेका के साथ समझौता किया है।
Covishield
यह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित COVID-19 वैक्सीन का नाम है।
यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में COVID-19 वैक्सीन के निर्माण के लिए पहले से ही परीक्षण किए जा रहे हैं।
SII, अब अन्य वैक्सीन निर्माताओं जैसे भारत बायोटेक (कोवाक्सिन) और Zydus Cadila (Zykov-D) से आगे बढ़ते हुए, व्यापक तौर पर द्वितीय और तृतीय चरण के लिये परीक्षणों को शुरू कर सकता है, जो अभी प्रथम और द्वितीय चरण के परीक्षणों के स्तर पर हैं। है।यदि प्रक्रियाएं निर्धारित समय के भीतर पूरी हो जाती हैं, तो वर्ष 2020 के अंत तक वैक्सीन का निर्माण संभव है।
कोविशिल्ड के परीक्षण में देश भर के 18-इष्टतम साइटों (विषम साइटों) के लगभग 1,600 प्रतिभागी शामिल होंगे, जिन्हें राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन और ग्रैंड चैलेंज इंडिया प्रोग्राम द्वारा पहचाना गया है।