ख़बरों में क्यों :
राजगीर और बोधगया भारत के पहले पूरी तरह से हरित ऊर्जा वाले शहर बनने जा रहे हैं। 2023 से शहरों को अपनी तरह की एक अक्षय ऊर्जा परियोजना के माध्यम से सौर ऊर्जा मिलना शुरू हो जाएगी।
प्रमुख बिंदु :
- बिहार अपने अक्षय ऊर्जा हाइब्रिड मॉडल के माध्यम से साल भर 24X7 स्वच्छ आपूर्ति करने के लिए दिल्ली, गोवा और ओडिशा के साथ समान है।
- भारत के सौर ऊर्जा निगम (SECI), एक केंद्र सरकार का सार्वजनिक उपक्रम, दोनों शहरों को स्वच्छ बिजली देनेे के बिहार के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है।
- प्रभावी लागत ₹ 4.03 प्रति यूनिट (kWh) होगी। हालांकि, बिहार अक्षय ऊर्जा बिजली की खरीद के लिए SECI को सालाना ₹2.77 बिलियन का भुगतान करेगा।
- केंद्र ने जून 2023 तक चालू होने वाली अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ₹1 प्रति यूनिट अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क भी माफ कर दिया है।
- दिन के दौरान उत्पन्न होने वाली अतिरिक्त सौर ऊर्जा का उपयोग टर्बाइनों को चलाने के लिए किया जाएगा जो जलाशय में पानी को पंप और स्टोर करते हैं। इसका उपयोग शाम को हाइडल पंप भंडारण शक्ति उत्पन्न करने के लिए किया जाएगा।