हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार नरेंद्र कोहली का निधन

महाभारत पर आधारित महाकाव्य उपन्यास- ‘महासमर’ लिखने वाले जाने-माने हिंदी साहित्यकार नरेंद्र कोहली का निधन 81 साल की उम्र में 17 अप्रैल 2021 को हो गया । नरेंद्र कोहली प्रमुख हिंदी उपन्यासकार, कहानीकार, नाटककार और व्यंग्यकार के रूप में जाने जाते थे। 06 जनवरी 1940 को पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे नरेंद्र कोहली का परिवार 1947 में विभाजन के बाद बिहार में विस्थापित हो गया था।

नरेंद्र कोहली की प्रारंभिक शिक्षा लाहौर और जमशेदपुर में हुई थी। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में शिक्षा प्राप्त की थी। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक पात्रों के जीवंत चित्रण के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने भारतीय पौराणिक चरित्रों को एक नए संदर्भ में दुनिया के सामने पेश किया। नरेंद्र कोहली को रामायण और महाभारत के पात्रों के बारे में उनके लेखन के लिए जाना जाता है।
महाभारत पर आधारित महाकाव्य उपन्यास- ‘महासमर’, जिसे आठ खंडों में विभाजित किया गया है, एक उत्कृष्ट कृति माना जाता है। उन्होंने लेखन के माध्यम से संस्कृति के पुनरुद्धार पर जोर दिया। उन्होंने उपन्यास, निबंध, व्यंग्य और संस्मरण सहित 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनके प्रमुख उपन्यासों में अभ्युदय, दीक्षा, अवसर और अभिज्ञान आदि शामिल हैं। उनके द्वारा लिखे गए नाटकों में शामबुक की हत्या, निर्णय रुकना और मोर्टार की दीवार आदि शामिल हैं। उन्हें हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए वर्ष 2017 में पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

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