‘हिन्‍दुस्‍तान फ्लोरोकार्बन्‍स लिमिटेड (एचएफएल)’ को बंद करने का निर्णय

आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 22 जनवरी 2020 को हिन्‍दुस्‍तान फ्लोरोकार्बन्‍स लिमिटेड (एचएफएल) के संयंत्र/यूनिट के परिचालन को बंद करने के साथ-साथ कंपनी को भी बंद करने की मंजूरी अपनी मंजूरी दे दी ।

एचएफएल ( Hindustan Fluorocarbons Limited: HFL ) का एक ही संयंत्र/इकाई (यूनिट) है, जो तेलंगाना के सांगररेड्डी जिले के रुद्ररम में अवस्थित है।

बंद करने का कारण

  • परिचालन का स्‍तर अपेक्षा के अनुरूप न रहने, संयंत्रों एवं प्रौद्योगिकी के काफी पुराने पड़ जाने और बगैर किसी रणनीतिक महत्‍व के केवल एक ही राजस्‍व अर्जन उत्‍पाद (एचसीएफसी-22) रहने के कारण एचएफएल का टिकाऊ पुनरुद्धार आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद नहीं है।
  • यही नहीं, वर्ष 2020 में एचएफएल के एचसीएफसी-22 कोटे में अपरिहार्य कटौती होने से कंपनी का परिचालन मार्च 2020 से पूरी तरह अलाभप्रद हो जाएगा।
  • कंपनी का परिचालन बंद कर देने से न केवल किसी भी भावी जोखिम/देनदारियों से बचा जा सकेगा, बल्कि इसके साथ ही एचएफएल के कर्मचारियों को वीआरएस/वीएसएस के जरिये अलग कर देने से उनके हितों का संरक्षण एवं कल्‍याण भी सुनिश्चित होगा। 

हिन्‍दुस्‍तान फ्लोरोकार्बन्‍स लिमिटेड (एचएफएल)

  • हिन्‍दुस्‍तान फ्लोरोकार्बन्‍स लिमिटेड (एचएफएल) दरअसल हिन्‍दुस्‍तान ऑर्गेनिक केमिकल्‍स लिमिटेड (एचओसीएल) की एक सहायक कंपनी है।
  • यह रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण वाला एक केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) है।

एचएफएल पॉली टेट्रा फ्लोरो इथिलीन (पीटीएफई) और क्‍लोरो डी फ्लोरो मिथेन (एचसीएफसी-22 अथवा सीएफएम-22) का उत्‍पादन करती है। कंपनी को वर्ष 2013-14 से ही निरंतर घाटा हो रहा है और कंपनी की शुद्ध संपत्ति (नेटवर्थ) ऋणात्‍मक हो गई है। 31 मार्च, 2019 तक कंपनी का संचित घाटा 62.81 करोड़ रुपये आंका गया। इसी तरह उसकी शुद्ध संपत्ति 31 मार्च, 2019 तक 43.20 करोड़ रुपये ऋणात्‍मक आंकी गई। इतना ही नहीं, यह पूर्ववर्ती औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बीआईएफआर) में एक रुग्‍ण कंपनी के रूप में पंजीकृत थी।  

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