
तारीख और स्थान:
केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड की 38वीं बैठक 23 अप्रैल 2025 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक की मेज़बानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक यदुबीर सिंह ने की।
पिछली बैठक:
इससे पहले, केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड की 37वीं बैठक 14 जून 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। यह बैठक पुरातत्व और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
बोर्ड का गठन और उद्देश्य:
केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड का गठन 1945 में भारत सरकार द्वारा किया गया था। यह बोर्ड हर तीन साल बाद भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा पुनर्गठित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पुरातत्व, विरासत अध्ययन और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न संस्थानों, जैसे कि एएसआई, भारतीय विश्वविद्यालयों, राज्य सरकारों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग और संबंधों को मजबूत करना है।
बैठक का महत्व:
बोर्ड की बैठक साल में एक बार आयोजित की जाती है, जिसमें पुरातत्व से संबंधित मामलों पर चर्चा की जाती है। यह बैठक केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को सलाह देने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, जिससे पुरातात्विक अनुसंधान और संरक्षण के क्षेत्र में नीतियों और कार्यक्रमों को विकसित किया जा सके।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई):
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की स्थापना 1861 में ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा की गई थी। एएसआई भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है और इसका मुख्य कार्य भारत की सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा, संरक्षण और अध्ययन करना है। एएसआई ने कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों की खोज और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि ताज महल, हड़प्पा सभ्यता के स्थल, और अजंता-एलोरा की गुफाएँ।
निष्कर्ष:
केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड की बैठकें न केवल पुरातत्व के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अवसर प्रदान करती हैं, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और अध्ययन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन बैठकों के माध्यम से, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए आवश्यक नीतियों और कार्यक्रमों का विकास किया जा रहा है।