प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर संबोधन: एक ऐतिहासिक अवसर

तारीख और स्थान:
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल 2025 को बिहार के मधुबनी से देश भर में ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे। यह दिन राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (एनपीआरडी) के रूप में मनाया जाएगा, जो 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 की बत्तीसवीं वर्षगांठ है।

मुख्य समारोह:
इस वर्ष का मुख्य समारोह बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर ब्लॉक के लोहना उत्तर ग्राम पंचायत में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री इस अवसर पर विशेष श्रेणी के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025 प्रदान करेंगे और 13,500 करोड़ रुपये की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का महत्व:
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का उद्देश्य पंचायतों को ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं के रूप में संवैधानिक दर्जा प्रदान करना है। यह दिन ग्रामीण विकास और स्वशासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस वर्ष, एनपीआरडी को “संपूर्ण-सरकार” दृष्टिकोण के साथ मनाया जा रहा है, जिसमें छह केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी शामिल है: ग्रामीण विकास मंत्रालय, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, बिजली मंत्रालय, रेल मंत्रालय, और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय।

बुनियादी ढांचा परियोजनाएं:
प्रधानमंत्री इस अवसर पर कई प्रमुख अवसंरचना और कल्याणकारी परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • एलपीजी बॉटलिंग प्लांट
  • विद्युतीकरण परियोजनाएं
  • आवास योजनाएं
  • रेलवे अवसंरचना
  • सड़क विकास

इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 13,500 करोड़ रुपये है, जो ग्रामीण भारत, विशेष रूप से बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी, सेवाओं और आर्थिक अवसरों को सुनिश्चित करेगी।

विशेष श्रेणी राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025:
इस अवसर पर विशेष श्रेणी के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025 भी प्रदान किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • जलवायु कार्रवाई विशेष पंचायत पुरस्कार (सीएएसपीए)
  • आत्मनिर्भर पंचायत विशेष पुरस्कार (एएनपीएसए)
  • पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार (पीकेएनएसएसपी)

इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन ग्राम पंचायतों और संस्थानों को मान्यता देना है जिन्होंने जलवायु सुदृढ़ीकरण, वित्तीय आत्मनिर्भरता और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में अनुकरणीय प्रदर्शन किया है। पुरस्कार विजेताओं का चयन विभिन्न राज्यों से किया गया है, जिसमें बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और असम शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि पुरस्कार विजेता ग्राम पंचायतों में से तीन – मोतीपुर (बिहार), दाववा एस (महाराष्ट्र) और हाटबद्रा (ओडिशा) – का नेतृत्व महिला सरपंच कर रही हैं, जो जमीनी स्तर पर समावेशी नेतृत्व को दर्शाता है।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि विकसित पंचायतें विकसित भारत की ठोस नींव रखें।

निष्कर्ष:
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का यह समारोह न केवल पंचायतों के महत्व को उजागर करता है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और स्वशासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास ग्रामीण भारत के लिए एक नई दिशा और अवसर प्रदान करेगा।

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