
नई दिल्ली में आयोजित चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद (4th India-Central Asia Dialogue) को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मध्य एशियाई देशों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले की निंदा की और भारत को निरंतर समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि भारत, मध्य एशियाई देशों का विश्वसनीय विकास साझेदार बना हुआ है।
4th India-Central Asia Dialogue के प्रमुख बिंदु:
विश्वसनीय विकास सहयोगी के रूप में भारत:
डॉ. जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को लगातार मजबूत कर रहा है। पिछले एक दशक में व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।साझा हितों पर सहयोग:
उन्होंने बताया कि भारत और मध्य एशियाई देश व्यापार, रक्षा, कृषि प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, औषधि, क्षेत्रीय संपर्क, शिक्षा और सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।संयोजकता और आवाजाही:
भारत अब मध्य एशिया के देशों से प्रत्यक्ष उड़ानों और बेहतर संपर्क माध्यमों के ज़रिए जुड़ा हुआ है, जिससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिला है। यह क्षेत्रीय मेलजोल को और भी अधिक सुदृढ़ बनाता है।साझेदारी का व्यापक दायरा:
विदेश मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत का उद्देश्य केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक, शैक्षिक और रणनीतिक साझेदारी को भी बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।
यह संवाद कजाकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।