
जम्मू-कश्मीर में हर वर्ष आयोजित होने वाली अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से प्रारंभ होकर 38 दिनों तक चलेगी। इस पवित्र यात्रा में देशभर से हजारों श्रद्धालु 3,888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन हेतु पहुँचते हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय सेना ने “ऑपरेशन शिवा(Operation Shiva)“ नामक एक व्यापक सुरक्षा अभियान की शुरुआत की है।
हाल ही में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, सेना ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs), जम्मू-कश्मीर पुलिस और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है। इस अभियान के अंतर्गत 42,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है, जिनमें CRPF, BSF, SSB, ITBP और CISF के जवान शामिल हैं। ये जवान यात्रा के दो प्रमुख मार्गों—पहलगाम और बालटाल—के रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगे।
“Operation Shiva” की सुरक्षा व्यवस्था की मुख्य विशेषताएँ:
यात्रा मार्गों की उच्च-ऊंचाई वाले इलाकों में मार्ग की सफाई और निगरानी।
ड्रोन और CCTV कैमरों के माध्यम से निगरानी।
बुलेटप्रूफ वाहनों की तैनाती और त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा।
किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ या आतंकी गतिविधि की आशंका को ध्यान में रखते हुए एंटी-सैबोटाज ऑपरेशन और कड़ी चेकिंग।
चिकित्सा सेवाओं, परिवहन व्यवस्था और आवासीय सुविधाओं में सुधार।
इस अभियान की शुरुआत जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में 29 मई को हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद की गई है, जिसमें उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षित और सुचारु यात्रा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
इसके अतिरिक्त, श्राइन बोर्ड ने सभी यात्रियों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड अनिवार्य कर दिए हैं, जिससे उनकी ट्रैकिंग और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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