फ्रेंच रिवेरा में 78वें Cannes Film Festival का उद्घाटन

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फ्रेंच रिवेरा पर प्रतिष्ठित 78वें कान्स फिल्म महोत्सव(Cannes Film Festival ) का भव्य उद्घाटन समारोह शानदार लाल कालीन और चकाचौंध से भरपूर रहा। यह 12 दिवसीय वैश्विक फिल्म उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, जो विश्वभर के फिल्म निर्माताओं, कलाकारों और सिनेप्रेमियों को एक मंच पर लाता है।

रॉबर्ट डी नीरो को मानद पाल्मे डी’ओर

उद्घाटन समारोह में, दिग्गज अमेरिकी अभिनेता, निर्माता और निर्देशक रॉबर्ट डी नीरो को मानद पाल्मे डी’ओर से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनकी कालजयी फिल्म ‘टैक्सी ड्राइवर’ के 49 साल बाद मिला, जिसने 1976 में कान्स का सर्वोच्च पुरस्कार जीता था। पुरस्कार प्रसिद्ध अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो द्वारा प्रस्तुत किया गया।

अपने भाषण में डी नीरो ने अमेरिकी राजनीति पर तीखी टिप्पणी करते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा विदेशी फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने के प्रस्ताव की आलोचना की।

Cannes  2025  में भारत की भागीदारी

इस साल भारत भी कान्स फिल्म महोत्सव में अपने सशक्त सिनेमाई प्रतिनिधित्व के साथ विश्व मंच पर एक बार फिर ध्यान आकर्षित कर रहा है।
भारतीय फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया, जो इस वर्ष की जूरी सदस्य हैं और फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट’ से जुड़ी हैं, ने भारत का प्रतिनिधित्व करने पर आभार व्यक्त किया।

सत्यजीत रे की 1970 की कालजयी फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’, जिसमें सौमित्र चटर्जी और शर्मिला टैगोर ने अभिनय किया था, इस बार कान्स क्लासिक्स सेक्शन में प्रदर्शित की जाएगी।

निर्देशक नीरज घायवान की दूसरी फीचर फिल्म ‘होमबाउंड’ को Un Certain Regard सेक्शन में शामिल किया गया है, जो उभरती हुई अनूठी फिल्मों को समर्पित है।

इसके अलावा, अनुभवी अभिनेता अनुपम खेर अपनी निर्देशन की पहली फिल्म ‘तन्वी: द ग्रेट’ के साथ कान्स फिल्म मार्केट (Marché du Film) में विश्व प्रीमियर कर रहे हैं। वहीं, सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (SRFTI) द्वारा निर्मित फिल्म ‘ए डॉल मेड अप ऑफ क्ले’ का भी कान्स में प्रदर्शन किया जाएगा।

संगीत, श्रद्धांजलि और वैश्विक चिंताएं

कान्स फिल्म महोत्सव(Cannes Film Festival )  की शुरुआत हुई एमीली बोनिन की फिल्म ‘लीव वन डे’ के प्रीमियर से, जिसे फ्रांसीसी पॉप आइकन मायलेन फार्मर द्वारा दिए गए एक संगीतमय श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने और भी यादगार बना दिया। यह श्रद्धांजलि मशहूर फिल्म निर्माता डेविड लिंच को समर्पित थी।

इस वर्ष की जूरी अध्यक्ष जूलियट बिनोचे ने युद्ध, जलवायु परिवर्तन और स्त्री-द्वेष जैसे ज्वलंत वैश्विक मुद्दों पर प्रकाश डाला और कला को मानवीय पीड़ा का एक सशक्त गवाह बताया। उन्होंने फिलिस्तीनी फोटो जर्नलिस्ट फातिमा हसौना को भी श्रद्धांजलि दी, जिनकी हत्या उस वक्त ग़ाज़ा में कर दी गई जब उनके ऊपर बनी डॉक्यूमेंट्री को कान्स में प्रदर्शित किया जाना था।

Cannes  2025 न केवल वैश्विक सिनेमा का एक भव्य उत्सव बनकर उभरा है, बल्कि यह मंच भारतीय सिनेमा की विविधता और गहराई को भी दर्शाने का सशक्त माध्यम बनता जा रहा है। भारत की बढ़ती उपस्थिति, नई प्रतिभाओं और कालजयी क्लासिक्स के साथ इस बार फिर दुनियाभर के दर्शकों के दिलों पर छा जाने को तैयार है।

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