
पाकिस्तान के अशांत दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान( Balochistan) में एक बार फिर तनाव गहराने लगा है, जब बलूच नेताओं (Baloch Leaders ) ने पाकिस्तान से आज़ादी की प्रतीकात्मक घोषणा जारी की। यह कदम दशकों पुराने बलूच विद्रोह की ओर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित कर रहा है।
प्रमुख बलूच कार्यकर्ता और लेखक मीर यार बलूच ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर एक श्रृंखला में बयान जारी करते हुए “बलूचिस्तान(Balochistan ) गणराज्य” के गठन की घोषणा की। उन्होंने इस नवगठित राष्ट्र के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की अपील की और विशेष रूप से भारत सरकार से नई दिल्ली में बलूच दूतावास स्थापित करने की अनुमति देने का आग्रह किया।
Balochistan ने संयुक्त राष्ट्र से मान्यता की मांग
मीर यार बलूच ने संयुक्त राष्ट्र से इस घोषणा को मान्यता देने और बलूचिस्तान के लिए मुद्रा, पासपोर्ट और अन्य बुनियादी सरकारी ढांचे के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करने की अपील की। उन्होंने अपने एक बयान में कहा:
“आतंकवादी पाकिस्तान के पतन के निकट होने के कारण जल्द ही एक संभावित घोषणा की जानी चाहिए। हम भारत से अनुरोध करते हैं कि वह दिल्ली में बलूचिस्तान के आधिकारिक कार्यालय और दूतावास की अनुमति दे।”
बलूचिस्तान में दशकों से चल रहे अलगाववादी आंदोलन का यह नया स्वरूप राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर वैश्विक समर्थन की मांग के रूप में सामने आया है। पाकिस्तान लंबे समय से बलूच अलगाववादियों पर भारत सहित विदेशी शक्तियों से समर्थन लेने का आरोप लगाता रहा है, जबकि बलूच कार्यकर्ता मानवाधिकार हनन, सैन्य दमन और संसाधनों के दोहन को अपनी लड़ाई की वजह बताते हैं।
यह प्रतीकात्मक घोषणा ऐसे समय आई है जब पाकिस्तान आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती अशांति का सामना कर रहा है।
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