भारत ने प्राकृतिक गैस आयात को कम करने और शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए बायोगैस सम्मिश्रण योजना ( Biogas Blending Plan ) का अनावरण किया

ऊर्जा स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत सरकार ने प्राकृतिक गैस के साथ संपीड़ित बायोगैस के मिश्रण ( Biogas Blending Plan ) की चरणबद्ध शुरुआत की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य घरेलू मांग को बढ़ावा देना, प्राकृतिक गैस आयात पर निर्भरता कम करना और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता में योगदान करना है।

अप्रैल 2025 से, सरकार 1% की दर से प्राकृतिक गैस के साथ संपीड़ित बायोगैस के अनिवार्य मिश्रण की शुरुआत करेगी। यह प्रारंभिक चरण ऑटोमोबाइल और घरों में उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

चरणबद्ध दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, अनिवार्य सम्मिश्रण प्रतिशत को 2028 तक लगभग 5% तक बढ़ाने की योजना है। यह रणनीतिक वृद्धि बायोगैस को मुख्यधारा के ऊर्जा खपत परिदृश्य में प्रगतिशील रूप से एकीकृत करने, कार्बन पदचिह्न को और कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

बायोगैस सम्मिश्रण के अलावा, सरकार विमान टरबाइन ईंधन में टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) को शामिल करने पर जोर दे रही है। लक्ष्य 2027 तक विमानन ईंधन में 1% एसएएफ हासिल करना है, जिसे 2028 में दोगुना करके 2% करना है। शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह उपाय विमानन क्षेत्र में उत्सर्जन को संबोधित करना चाहता है।

ये प्रगतिशील कदम 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

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