
अप्रैल 2025 में, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने ‘भारत में महिला एवं पुरुष 2024: चयनित संकेतक एवं डेटा’ शीर्षक से अपने प्रकाशन का 26वां संस्करण जारी किया। यह प्रकाशन भारत में लैंगिक परिदृश्य की व्यापक जानकारी प्रदान करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक-भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में चयनित संकेतक और डेटा प्रस्तुत किए गए हैं।
सभी डेटा विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से प्राप्त किए गए हैं। डेटा से पता चला है कि प्राथमिक स्तरों के लिए लैंगिक समानता सूचकांक (GPI) 1.02 (2020-21) से बढ़कर 1.05 (2022-23) हो गया है और फिर घटकर 1.03 (2023-24) हो गया है।
वहीं, माध्यमिक स्तरों के लिए जीपीआई धीरे-धीरे 0.99 (2020-21) से बढ़कर 1.02 (2023-24) हो गया है। प्रकाशन के आंकड़ों के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिए सामान्य स्थिति में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 49.8% (2017-18) से बढ़कर 60.1% (2023-24) हो गई है।
आंकड़ों में बताया गया है कि सभी बैंक खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी 39.2% है और कुल जमा में उनका योगदान 39.7% है। यह रिपोर्ट भारत में लैंगिक समानता और आर्थिक भागीदारी के संदर्भ में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।