मोनाको मरीन सम्मेलन (Monaco Marine Conference) में भारत-नॉर्वे ने नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) संबंधों को मजबूत किया

Monaco Marine Conference

पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मोनाको में मोनाको मरीन कॉन्फ्रेंस (Monaco Marine Conference) को संबोधित करते हुए भारत की ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy)को लेकर प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि भारत Marine Spatial Planning (MSP) को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जो समुद्री संसाधनों के बेहतर उपयोग, जैव विविधता की रक्षा और तटीय समुदायों की आजीविका सुनिश्चित करने में सहायक है।

अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस भाषणों में ब्लू इकोनॉमी का दो बार उल्लेख किए जाने को भारत की नीति प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत का उद्देश्य पूरे तटीय क्षेत्र में MSP को लागू कर वैश्विक स्तर पर सतत समुद्री प्रबंधन में नेतृत्व निभाना है।

इस दौरान उन्होंने नॉर्वे के अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री Åsmund Grøver Aukrust से मुलाकात की। नॉर्वे के मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की और यह भी कहा कि नॉर्वे की जनता भारत और प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में है।

भारत और नॉर्वे के बीच Indo-Norwegian Integrated Ocean and Research Initiative के तहत पांडिचेरी और लक्षद्वीप में पायलट परियोजनाओं ने तटीय कटाव, मछली पालन, पर्यटन और संरक्षण जैसे मुद्दों पर सकारात्मक परिणाम दिए हैं।

 

डॉ. सिंह ने भारत द्वारा विकसित SAHAV पोर्टल का भी उल्लेख किया, जो एक GIS-आधारित निर्णय सहयोग प्रणाली है और अब इसे Digital Public Good के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह प्रयास विश्व महासागर दिवस के अवसर पर भारत की विज्ञान-आधारित नीति की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

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