
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2025 को गुजरात के दाहोद में एक अत्याधुनिक लोकोमोटिव निर्माण कार्यशाला (Loco Manufacturing Railway Workshop) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने इस सुविधा में निर्मित पहले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह कार्यशाला भारतीय रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
इस परियोजना की आधारशिला वर्ष 2022 में रखी गई थी और महज़ तीन वर्षों में यह उन्नत निर्माण केंद्र पूरी तरह से संचालन के लिए तैयार हो गया है। इस वर्कशॉप को प्रारंभ में सालाना 120 इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है, जिसे भविष्य की मांग के अनुसार 150 यूनिट तक बढ़ाया जा सकता है। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित की गई है, और आने वाले दस वर्षों में इसमें कुल 1,200 इलेक्ट्रिक इंजन बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न के अनुरूप, इन 9,000 हॉर्सपावर वाले अत्याधुनिक इंजनों पर ‘दाहोद में निर्मित’ (Made in Dahod) का टैग होगा। ये हाई-पावर इंजन 4,600 टन तक का माल ढोने में सक्षम हैं और इन्हें न केवल घरेलू जरूरतों के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी तैयार किया गया है। विशेष रूप से, पहली बार इन इंजनों में ड्राइवरों के लिए एयर कंडीशनिंग और शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे उनके कार्य अनुभव और आराम में अभूतपूर्व सुधार होगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने दाहोद में 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण भी किया। इन परियोजनाओं में कई रेल परियोजनाएँ और गुजरात सरकार की अन्य महत्वपूर्ण योजनाएँ शामिल हैं। उन्होंने वेरावल और अहमदाबाद के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस तथा वलसाड और दाहोद के बीच एक नई एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला दो दिवसीय गुजरात दौरा है। अपने दौरे के दौरान उन्होंने भुज में भी 53,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जो राज्य के समग्र विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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