प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड के खूँटी जिले में तीसरे जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह- पीवीटीजी विकास मिशन PM-PVTG Development Mission का शुभारंभ किया।
चौबीस हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना से 220 जिलों के 22 हजार 5 सौ 44 गांवों में रहने वाले 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह-पीवीटीजी को लाभ मिलेगा।
श्री मोदी ने प्रमुख सरकारी योजनाओं पर अमल सुनिश्चित करने के लिए ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ भी शुरू की।
प्रमुख बिंदु
पीएम-पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन कार्यक्रम का उद्देश्य कमज़ोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट 2023-24 के तहत ‘प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन’(Pradhan Mantri PVTG Development Mission) की घोषणा की थी।
केंद्र सरकार ने अगले तीन वर्षों में इस मिशन को लागू करने के लिये केंद्रीय बजट में ‘अनुसूचित जनजातियों हेतु विकास कार्य योजना’के तहत 15,000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs):
गृह मंत्रालय ने देश के 18 राज्यों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह संघ राज्य-क्षेत्र के 75 जनजातीय समूहों को विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया है।
आदिवासी समूहों में पीवीटीजी सबसे अधिक कमज़ोर हैं। वर्ष 1975 में भारत सरकार ने सबसे कमजोर जनजातीय समूहों को PVTGs नामक एक अलग श्रेणी के रूप में पहचानने की पहल की थी।
प्रारंभ में 52 जनजातीय समूहों को पीवीटीजी के रूप में वर्गीकृत किया गया। वर्ष 1993 में इस श्रेणी में 23 अतिरिक्त जनजातीय समूहों को शामिल किया गया, जिससे पीवीटीजी के तहत वर्तमान में 75 जनजातीय समूह हो चुके हैं।
75 सूचीबद्ध पीवीटीजी में से सबसे अधिक संख्या ओडिशा (13) में पाई जाती है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12) का स्थान है।