
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) का शुभारंभ किया था। इस योजना से संपूर्ण भारत में छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को सशक्त बनाने के 10 गौरवशाली वर्ष पूरे हुए हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि आय अर्जित करने वाली गतिविधियों के लिए आसानी से और बिना किसी जमानत के 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है। वित्त मंत्री ने इच्छुक उद्यमियों को मजबूती से सहयोग देने के लिए 23 जुलाई, 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 में इस ऋण की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की घोषणा की। यह नई सीमा 24 अक्टूबर, 2024 को लागू हुई।
ये ऋण बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी), एमएफआई और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से दिए जाते हैं। इसके अंतर्गत तरुण प्लस के नाम से नई ऋण श्रेणी की घोषणा की गई है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिज़ाइन की गई है जिन्होंने पहले तरुण श्रेणी के तहत ऋण लिया है और उसे सफलतापूर्वक चुका दिया है। इससे उन्हें 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच फंडिंग प्राप्त करने की अनुमति मिलती है।
मुद्रा ऋण अब चार श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे:
- शिशु: 50,000/- रुपये तक के ऋण
- किशोर: 50,000/- रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक के ऋण
- तरुण: 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण
- तरुण प्लस: 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के ऋण
ये ऋण विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में सावधिक वित्तपोषण और कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जिसमें मुर्गीपालन, डेयरी और मधुमक्खीपालन जैसी कृषि से संबंधित गतिविधियां शामिल हैं। इसकी ब्याज दर भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों से नियंत्रित होती है, जिसमें कार्यशील पूंजी सुविधाओं के लिए लचीली पुनर्भुगतान शर्तें शामिल हैं।