राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गणतंत्र दिवस ( REPUBLIC DAY ) की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को किया संबोधित

REPUBLIC DAY 

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिन्दु

  • ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ योजना शासन में निरंतरता को बढ़ावा दे सकती है, नीति निर्धारण से जुडी निष्क्रियता समाप्‍त की जा सकती है, संसाधनों के उचित इस्‍तेमाल और वित्तीय बोझ को कम कर सकती है।
  • भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय न्‍याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम उल्लेखनीय हैं। नए अधिनियमों से दंड के स्‍थान पर न्‍याय प्रदान करने की भावना को आपराधिक न्‍याय प्रणाली के केन्‍द्र में रखा गया है।
  • हमारा संविधान एक जीवंत दस्तावेज बन गया है क्योंकि सदियों से नागरिकों की निष्‍ठा हमारे नैतिकता-परक जीवन-दृष्टि का प्रमुख हिस्सा रही है। संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, हंसाबेन मेहता और मालती चौधरी जैसी दिग्‍गज महिलाएं शामिल थीं। जब दुनिया के कई हिस्सों में महिलाओं की समानता आदर्श से परे हुआ करती थी, तब भारतीय महिलाएं देश के भाग्य को आकार देने में सक्रिय रूप से योगदान दे रही थीं।
  • भारत इस वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहा है।
  • प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, मुद्रा, स्टैंड-अप इंडिया और अटल पेंशन जैसी योजनाओं का विस्तार किया गया है ताकि अधिक से अधिक लोगों तक वित्तीय लाभ पहुंचाई जा सके।
  • प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना से रोजगार और आय सृजन के अवसरों को जोड़कर अनुसूचित जातियों में गरीबी को तेजी से कम किया जा रहा है। अनुसूचित जनजाति समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं, जिनमें धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान शामिल हैं। विमुक्त, घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के लिए विकास और कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।
  • डिजिटल भुगतान विकल्पों और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रणाली ने समावेशन को बढ़ावा दिया है। दिवाला और दिवालियापन संहिता जैसे साहसिक उपायों के परिणामस्‍वरूप बैंकिंग व्‍यवस्‍था मजबूत हुई है।
  • प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ को भारत की सभ्‍यतागत विरासत की समृद्धि की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है।
  • भारत की भाषाई विविधता को संरक्षित करने के लिए असमिया, बंगाली, मराठी, पाली और प्राकृत को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता दी है। इस श्रेणी में पहले से ही तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओडिया शामिल हैं।
  • भारत ज्ञान की विभिन्न शाखाओं, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है और बौद्धिक संपदा फाइलिंग के मामले में भारत दुनिया में छठे स्थान पर है। भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक में अपनी रैंकिंग में लगातार सुधार किया है, जो 2020 में 48वें स्थान से 2024 में 39वें स्थान पर पहुंच गया है।
  • भारतीय क्वांटम मिशन जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के इस नए क्षेत्र में एक जीवंत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है। इंटर डिसिप्‍लेनरी साइबर फिजिकल सिस्‍टम पर राष्‍ट्रीय मिशन पहल से आर्टिफिशियल इंटेलिजंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और साइबर सुरक्षा सहित कई उन्नत प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • जीनोम इंडिया परियोजना न केवल प्रकृति की खोज में एक रोमांचक उद्यम है, बल्कि भारत में विज्ञान के इतिहास में एक निर्णायक क्षण भी है। इसके तहत दस हज़ार भारतीयों की जीनोम सिक्‍वेंसिंग को इस महीने ही आगे के शोध के लिए उपलब्ध कराया गया है।
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने स्‍पेस डॉकिंग प्रयोग सफलतापूर्वक संपन्‍न करके भारत अब यह क्षमता रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
  • पिछले साल पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय एथलीटों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी और पैरालिंपिक खेलों में भारत के अब तक के सबसे बड़े दल ने सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन किया। 2024 में डी. गुकेश ने सबसे कम उम्र में विश्‍व चैंपियन बनकर इतिहास रचा है।
  • भारत वैश्विक स्तर पर मिशन लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट जन आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। यह मिशन व्यक्तियों और समुदायों को पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में सक्रिय होने के लिए प्रेरित करता है। विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू किए गए ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान में 80 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित समय-सीमा से पहले ही पूरा कर लिया गया।

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