क्या है बिहार के मधुबनी जिले में जारी ‘सुखेत मॉडल (shukhet model)’ जिसकी चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी

बिहार के मधुबनी जिले में जारी सुखेत मॉडल (shukhet model) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा की है. मन की बात कार्यक्रम की 80वीं कड़ी में उन्होंने कहा कि मधुबनी में राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (समस्तीपुर) और स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र ने मिलकर अच्छा प्रयास किया है. इसका लाभ किसानों को मिल रहा है। इसके साथ ही स्वच्छ भारत अभियान को भी नई ताकत मिल रही है।

विश्वविद्यालय की इस पहल का नाम सुखेत मॉडल है। सुखेत मॉडल (shukhet model) का मकसद गांवों में प्रदूषण कम करना है। इस मॉडल के तहत गांव के किसानों से गाय का गोबर, खेत से निकलने वाला कचरा और घरेलू कचरा एकत्र किया जाता है। बदले में, ग्रामीणों को रसोई गैस के लिए पैसे दिए जाते हैं। गांव से एकत्रित कूड़े के निस्तारण के लिए वर्मी कम्पोस्ट बनाने का भी कार्य किया जा रहा है.

सुखेत मॉडल के चार लाभ प्रत्यक्ष रूप से नजर आते हैं। प्रदूषण से मुक्ति, गंदगी से निजात, ग्रामीणों को रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसा और किसानों को जैविक खाद। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रयास से गांवों की शक्ति काफी बढ़ सकती है। यही आत्मनिर्भरता का विषय है। मैं देश की प्रत्येक पंचायत से कहूंगा कि ऐसा कुछ करने का वह भी अपने यहां जरूर सोचें।

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