केंद्र️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ दिल्ली में राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकारी की उन्नीसवीं बैठक में बिहार के वानस्पतिक प्रजाति के प्राणी हरित जोण में शामिल होंगे।
कैमूर वन्य क्षेत्र काफी बड़ा है और इसकी सीमा झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के जंगलों से मिलता है. देश में इस समय 51 टाइगर रिजर्व हैं. केंद्र सरकार द्वारा और भी क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किये जा रहे हैं.
1970 के दशक में इस वन्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में बाघ पाए जाते थे. लेकिन समय के साथ बाघों की संख्या में कमी आती चली गई. मगर लंबे समय के बाद मार्च 2020 में कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी में वन विभाग द्वारा लगाये गए कैमरा ट्रैप में विचरण करते बाघ की तस्वीर कैद हुई थी.
वर्तमान में यहां के वन क्षेत्रों में भालू, तेंदुआ, हिरण सहित कई जानवरों की मौजूदगी है. इसके अलावा यहां विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं. लेकिन इसका सबसे बड़ा आकर्षण टाइगर रिजर्व ही रहेगा.