
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और आधार पारिस्थितिकी तंत्र ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है – आधार प्रमाणीकरण लेन-देन की कुल संख्या 150 अरब (150 बिलियन) को पार कर गई है। यह आंकड़ा अप्रैल 2025 के अंत तक पहुंचा है, जो देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रगति और आधार की व्यापक उपयोगिता को दर्शाता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, केवल अप्रैल 2025 में लगभग 210 करोड़ लेन-देन हुए, जो अप्रैल 2024 की तुलना में 8% अधिक हैं। यह दर्शाता है कि नागरिक स्वेच्छा से आधार का उपयोग सेवाओं और सुविधाओं के लिए बड़ी संख्या में कर रहे हैं।
UIDAI की आधार-आधारित प्रमाणीकरण:
लाभ वितरण को पारदर्शी और तेज बनाता है
सेवा प्रदाताओं के लिए ग्राहक पहचान आसान बनाता है
नागरिकों के लिए जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाता है
आधार ई-केवाईसी सेवा बैंकिंग, बीमा, दूरसंचार और अन्य वित्तीय सेवाओं में ग्राहक अनुभव को बेहतर बना रही है और व्यवसायिक प्रक्रियाओं को तेज कर रही है।
इसके साथ ही, 100 से अधिक सरकारी और निजी संस्थान अब फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरे के प्रमाणीकरण) का उपयोग कर रहे हैं, जिससे सेवा वितरण और भी सहज व सुरक्षित हो गया है।
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