
संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए HawkEye 360 technology की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इस कदम से भारत के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री डोमेन जागरूकता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी के एक बयान के अनुसार, प्रस्तावित बिक्री से भारत की समुद्री डोमेन जागरूकता, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और वर्तमान एवं भविष्य के खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार होगा। यह प्रणाली पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों का उपयोग करती है, जो भारत को अवैध गतिविधियों का पता लगाने और अपने आर्थिक क्षेत्र की निगरानी करने में मदद करेगी। इस 131 मिलियन डॉलर के सौदे में सॉफ्टवेयर, प्रशिक्षण और सहायता शामिल है, जो भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा।
HawkEye 360 technology, पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों के एक समूह के साथ, संकेतों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए रेडियो आवृत्ति (आरएफ) संकेतों को एकत्र और विश्लेषण करता है। इस उन्नत तकनीक का उपयोग करके, विवादित क्षेत्रों में बिना पहचान के नेविगेट करने वाले कुछ जहाजों की पहचान भी की जा सकती है।
इस तकनीक की मदद से, भारतीय सेना अब अवैध मछली पकड़ने की गतिविधियों का पता लगा सकती है, उन्हें ट्रैक कर सकती है, अवैध शिकार की पहचान कर सकती है और हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभावी निगरानी कर सकती है। यह तकनीक भारत को अपने आर्थिक क्षेत्र में गहरी दृश्यता प्रदान करती है। वर्तमान में, भारतीय नौसेना P8i पोसाइडन विमान और समुद्री परिसंपत्तियों का उपयोग कर रही है।